मद्रास हाईकोर्ट ने चेन्नई निगम के सैनिटरी कार्य आउटसोर्स करने के प्रस्ताव को रद्द करने से किया इनकार

मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन (GCC) के उस प्रस्ताव को रद्द करने से इनकार कर दिया जिसमें शहर के दो ज़ोन में सैनिटरी कार्यों को एक निजी कंपनी को आउटसोर्स करने का निर्णय लिया गया था।

न्यायमूर्ति के. सुरेन्दर ने उज़हैप्पोर उरीमाई इयाक्कम द्वारा दायर याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि सफाई कार्यों का आउटसोर्स करना सरकार का नीतिगत निर्णय है और इसे सैनिटरी कर्मियों की “सेवा समाप्ति” (retrenchment) नहीं माना जा सकता।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने टाटा ट्रेडमार्क का दुरुपयोग करने वाली 'नकली' वेबसाइटों के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी की

अदालत ने स्पष्ट किया कि निगम का यह निर्णय सैनिटरी कर्मियों के अधिकारों या औद्योगिक न्यायाधिकरण के समक्ष लंबित कार्यवाहियों को प्रभावित नहीं करेगा। साथ ही यह भी कहा गया कि निगम ने किसी भी कर्मचारी की सेवा समाप्त नहीं की है और निजी कंपनी के साथ हुए समझौते में ऐसी कोई शर्त भी नहीं है।

Video thumbnail

न्यायमूर्ति सुरेन्दर ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि निजी कंपनी से बातचीत कर यह सुनिश्चित किया जाए कि जो कर्मचारी आउटसोर्स संचालन में शामिल होना चाहें, उन्हें उनका अंतिम आहरित वेतन (last drawn wages) मिले। इसके अलावा, अदालत ने यह भी कहा कि कंपनी द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले ₹3,000 के वेलकम बोनस का भुगतान 10 सितंबर 2025 तक किया जाना चाहिए।

READ ALSO  उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वरिष्ठ वकील के रूप में उपस्थित हुए

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सैनिटरी कर्मियों को अपने अधिकारों के लिए कानून के तहत विरोध करने की स्वतंत्रता बनी रहेगी, चाहे वे निजी कंपनी से जुड़ना चुनें या न चुनें।

READ ALSO  मद्रास हाई कोर्ट ने 'लियो' निर्माताओं को विशेष शो के लिए तमिलनाडु सरकार से संपर्क करने का निर्देश दिया

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles