जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने मंगलवार को 25 वकीलों को वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate) के रूप में नामित किया, जिनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं। यह नामांकन प्रक्रिया पांच साल के लंबे अंतराल के बाद पहली बार हुई है। इससे पहले दिसंबर 2020 में वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नामित किया गया था।
हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने 45 आवेदनों पर विचार करने के बाद इन 25 वकीलों के नाम सर्वसम्मति से मंजूर किए। यह जानकारी कोर्ट द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।
वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित वकीलों की सूची:
- सुरिंदर सिंह
- शबीर अहमद नाइक
- ताहिर मजीद शम्सी
- सैयद मंज़ूर अहमद
- मुश्ताक अहमद चाशू
- असीम कुमार सहनी
- दीपिका महाजन
- रविंदर शर्मा
- राकेश कुमार चारगोट्रा
- मसूदा जान
- अमित गुप्ता
- तसदुक हुसैन ख्वाजा
- चंदर शेखर गुप्ता
- विशाल शर्मा
- निर्मल किशोर कोटवाल
- रमेश्वर प्रसाद शर्मा
- अजय शर्मा
- शाह मोहम्मद
- सकल भूषण
- रजनीश रैना
- शबीना नाज़िर
- रोहित कोहली
- रमन शर्मा
- अनुपम रैना
- शिवानी जलाली पंडिता
चयन प्रक्रिया
कोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता के चयन के लिए जिन मापदंडों को ध्यान में रखा गया उनमें शामिल थे:

- बार में पेशेवर स्थिति और वरिष्ठता
- वकालत के वर्षों की अवधि और गुणवत्ता
- योग्यता, ईमानदारी और कानूनी बिरादरी में प्रतिष्ठा
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि “चयन प्रक्रिया में समावेशिता को भी समुचित महत्व दिया गया।”
दिसंबर 2020 के बाद पहली बार वरिष्ठ अधिवक्ताओं का यह नामांकन हुआ है। यह वरिष्ठता की पोशाक (सीनियर गाउन) वकालत में विशिष्टता और प्रतिष्ठा की मान्यता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा जयसिंग बनाम सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया [(2017) 9 SCC 766] में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार यह प्रक्रिया अपनाई जाती है।