पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में बेंच हंटिंग के आरोप: बार काउंसिल ने 16 वकीलों को भेजा नोटिस, सीनियर एडवोकेट सिंघवी और रोहतगी से भी मांगा जाएगा जवाब

पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल की प्रिविलेज कमेटी ने हाईकोर्ट में बेंच हंटिंग (Bench Hunting) की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए 16 वकीलों को नोटिस जारी किए हैं। इन वकीलों से 16 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से या अपने वकील के माध्यम से उपस्थित होकर जवाब देने को कहा गया है। साथ ही, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी से भी इस प्रकरण में स्पष्टीकरण मांगे जाने की संभावना है।

हालांकि सिंघवी और रोहतगी को अब तक औपचारिक रूप से नोटिस नहीं भेजा गया है क्योंकि वे चंडीगढ़ में पंजीकृत वकील नहीं हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रोहतगी ने कहा, “मेरा इससे क्या लेना-देना? यह सब बकवास है। मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है।” सिंघवी से संपर्क नहीं हो पाया।

मामला क्या है?

यह मामला एक न्यायिक अधिकारी के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप से जुड़ा है। इस केस में एक व्यापारी सह-आरोपी है, जिसने एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी, रोहतगी, पुनीत बाली और राकेश नेहरा इस व्यापारी की ओर से अलग-अलग मौकों पर पेश हुए हैं। हाल के दिनों में सिर्फ सिंघवी और बाली ही अदालत में उपस्थित हो रहे हैं।

मई 2025 में इस केस ने तब सुर्खियाँ बटोरीं जब चीफ जस्टिस शील नागू ने इसे जस्टिस महावीर सिंह सिंधु से वापस ले लिया, जबकि वे इस पर सुनवाई पूरी कर चुके थे और फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद खुद चीफ जस्टिस ने इसकी सुनवाई शुरू की, लेकिन बाद में यह कहते हुए खुद ही इससे अलग हो गए कि उन्होंने इसे प्रशासनिक स्तर पर डीलिस्ट किया था। अब तक इस मामले से कई न्यायाधीश, जिनमें जस्टिस जसजीत सिंह बेदी भी शामिल हैं, खुद को अलग कर चुके हैं।

READ ALSO  2020 दंगे साजिश मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम, उमर खालिद की जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा

मई में एक सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस नागू ने यह संकेत दिया था कि केस को किसी खास न्यायाधीश की पीठ से हटाने के लिए एक विशेष वकील को केवल फाइलिंग काउंसिल के रूप में जोड़ा गया था — जिससे बेंच हंटिंग का संदेह और गहरा हुआ।

समिति की टिप्पणी और कार्यवाही

बार काउंसिल के अध्यक्ष ने प्रिविलेज कमेटी को निर्देश दिया कि वह इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करे और दैनिक आधार पर सुनवाई कर जल्द रिपोर्ट पेश करे। इसके तहत, जिन 16 वकीलों को नोटिस भेजा गया है, उनसे कहा गया है कि वे 16 अगस्त को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें।

READ ALSO  दिल्ली की अदालत ने यौन उत्पीड़न मामले में डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख को एक दिन के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी

नोटिस में कहा गया है, “हमारे समक्ष रखे गए दस्तावेज prima facie यह दर्शाते हैं कि माननीय हाईकोर्ट की पीठ आवंटन प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया गया। इस मामले को समिति के समक्ष suo motu लाने का एकमात्र उद्देश्य है — विधिक पेशे की गरिमा बनाए रखना, आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करना और विधि द्वारा सौंपे गए उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना।”

समिति ने यह भी कहा कि यह “बेहद पीड़ादायक और चिंताजनक” है कि “कुछ वकीलों ने सुनियोजित, व्यवस्थित और संगठित ढंग से बेंच हंटिंग की कोशिश की।” नोटिस में विशेष रूप से दाखिल वकील जे.के. सिंघला की भूमिका को चिन्हित किया गया है, लेकिन यह भी कहा गया है कि “कुछ बड़े और चतुर वकील पर्दे के पीछे हो सकते हैं।”

इन वकीलों को भेजा गया है नोटिस:

  1. जे.के. सिंघला
  2. सिद्धार्थ भारद्वाज
  3. आदित्य अग्रवाल
  4. गगनदीप सिंह
  5. अनमोल चंदन
  6. बलजीत बेनीवाल
  7. हर्ष शर्मा
  8. सौहार्द सिंह
  9. रुपेन्दर सिंह
  10. अंकित यादव
  11. आशीम सिंघला
  12. आकाश शर्मा
  13. बिंदु
  14. ए.पी.एस. शेरगिल
  15. पुनीत बाली
  16. राकेश नेहरा
READ ALSO  'पवित्र कुरान में पत्नी और बच्चों की देखभाल करना पति का कर्तव्य है, खासकर जब वे विकलांग हों': कर्नाटक हाईकोर्ट

बार काउंसिल की समिति का मानना है कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं सिंघवी और रोहतगी से भी जवाब लेना जरूरी है, ताकि पूरे मामले की निष्पक्ष और समग्र जांच की जा सके।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles