महाराष्ट्र के ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने एक अहम फैसले में 2018 में सड़क हादसे में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को ₹27.17 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मुआवजा कार चालक और बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को संयुक्त रूप से अदा करना होगा।
MACT सदस्य आर. वी. मोहिते द्वारा पारित आदेश 6 अगस्त को दिया गया, जिसकी प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई। न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि यह मुआवजा याचिका दाखिल करने की तारीख से 9% वार्षिक ब्याज सहित दिया जाए।
दुर्घटना का विवरण
पीड़ित बापू राऊल की मृत्यु 7 जून 2018 को मुंबई-गोवा हाईवे पर सिंधुदुर्ग जिले के सावंतवाड़ी में हुई थी, जब उनकी मोटरसाइकिल को एक कार ने टक्कर मार दी थी। प्रारंभ में पुलिस ने बापू राऊल के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन्हें ही दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।

हालांकि, उनके परिजनों ने इस एफआईआर को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी और अंततः मामला “ए समरी” रिपोर्ट के साथ बंद कर दिया गया, जो दर्शाता है कि उनके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं था।
न्यायाधिकरण की टिप्पणियां
सुनवाई के दौरान न्यायाधिकरण ने माना कि यद्यपि एफआईआर और चार्जशीट में मृतक को दोषी बताया गया था, प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से स्पष्ट हुआ कि वह न तो लापरवाही से और न ही तेज गति से वाहन चला रहे थे।
न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि एफआईआर और चार्जशीट को अंतिम प्रमाण नहीं माना जा सकता, जब प्रत्यक्षदर्शी इसके विपरीत गवाही दे रहे हों। इसके अलावा, बीमा कंपनी यह साबित करने में विफल रही कि किसी प्रकार की पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन हुआ था, और यह भी पाया गया कि कार चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस था।
मुआवजे का निर्धारण
पीड़ित की पत्नी और तीन बच्चों की ओर से अधिवक्ता बी.बी. राजपूत ने ₹45.9 लाख का दावा किया था, जिसे बाद में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत ₹1 लाख तक सीमित कर दिया गया।
हालांकि, न्यायाधिकरण ने मृतक की अनुमानित आय, भविष्य की संभावनाओं और अन्य आर्थिक व गैर-आर्थिक क्षतियों के आधार पर कुल ₹27.17 लाख का मुआवजा निर्धारित किया।