कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस से निलंबित नेता शेख शाहजहां की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने संदेशखाली में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में सीबीआई जांच के आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगी थी।
मुख्य न्यायाधीश देबांगसु बसाक और न्यायमूर्ति प्रसनजीत विश्वास की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि किसी आरोपी को जांच एजेंसी चुनने का अधिकार नहीं होता और न ही वह जांच प्रक्रिया के दौरान हस्तक्षेप करने का हकदार होता है। अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट, मृतकों की विधवाओं द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते समय आरोपी को पक्षकार बनाने या उसे सुनवाई का अवसर देने के लिए बाध्य नहीं है।
यह याचिका न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता के 30 जून के उस आदेश के खिलाफ दायर की गई थी जिसमें उन्होंने संदेशखाली हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था। यह मामला पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के संदेशखाली क्षेत्र का है, जहां तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित रूप से हत्या कर दी गई थी। इनमें से दो के शव बरामद हुए थे, जबकि तीसरे व्यक्ति के शरीर के अंग मिले थे।

खंडपीठ ने कहा, “सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट द्वारा दिया गया निर्देश किसी संभावित आरोपी या आरोपी व्यक्ति द्वारा चुनौती नहीं दी जा सकती।”
न्यायमूर्ति सेनगुप्ता ने सीबीआई को एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने और एक संयुक्त निदेशक रैंक के वरिष्ठ अधिकारी की निगरानी में आगे की जांच करने का निर्देश दिया था।
शेख शाहजहां पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। उन पर 5 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों पर हमले का आरोप है, जब वे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके संदेशखाली स्थित आवास पर छापेमारी करने गए थे।