झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक महिला द्वारा दाखिल की गई बेबुनियाद याचिका पर सख्त रुख अपनाते हुए ₹25 लाख का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने इसे न्यायालय के समय का दुरुपयोग करार दिया।
याचिकाकर्ता, लीलावती देवी, ने अपने घर के सामने सड़क पर बनाए जा रहे सेप्टिक टैंक के निर्माण को चुनौती दी थी। उन्होंने इस संबंध में पहले रांची नगर निगम (RMC) से शिकायत की थी। नगर निगम ने स्थल निरीक्षण कर शिकायत को सही पाया और सेप्टिक टैंक को गिराने का आदेश जारी किया।
हालांकि, निगम द्वारा उचित कार्रवाई का इंतजार किए बिना लीलावती देवी ने सीधे हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता ने उपलब्ध प्रशासनिक उपायों का पालन नहीं किया और एक मामूली मामले को लेकर अदालत की असाधारण रिट क्षेत्राधिकार का दुरुपयोग किया।

कोर्ट ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए ₹25 लाख का जुर्माना लगाया और टिप्पणी की कि इस तरह की याचिकाएं न्यायालय के कीमती समय को व्यर्थ करती हैं।