पुलिस सुधार और डीजीपी की अंतरिम नियुक्तियों पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यों में पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) की अंतरिम और कथित रूप से मनमानी नियुक्तियों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति दी है। यह मामला दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध किया जाएगा।

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने कहा कि वह पूर्व डीजीपी और याचिकाकर्ता प्रकाश सिंह की उस याचिका पर भी विचार करेगी जिसमें डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक पैनल बनाने की मांग की गई है। इस पैनल में मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि जैसे सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए एक तीन-सदस्यीय समिति बनाई जाती है, वैसे ही पुलिस महानिदेशक के चयन के लिए भी ऐसी पारदर्शी प्रणाली होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कई राज्यों में सुप्रीम कोर्ट की दिशा-निर्देशों की अनदेखी करते हुए डीजीपी की नियुक्तियों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।

Video thumbnail

वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्हें 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र से उनके कार्यकाल को बढ़ाने की सिफारिश कर दी, जो प्रक्रिया के अनुरूप नहीं है।

READ ALSO  UP MLA Mukhtar Ansari’s wife moves to Apex Court to ensure he is not killed in a fake encounter

मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा, “ये सभी मामले महत्वपूर्ण हैं और इन पर समुचित समय देकर विचार किया जाएगा।” कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन को एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए सभी संबंधित पक्षों से कहा कि वे अपनी याचिकाओं की प्रतियां उन्हें सौंपें।

वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने दलील दी कि वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने जो ऐतिहासिक फैसला पुलिस सुधारों को लेकर दिया था, उसका पालन राज्यों द्वारा नहीं किया गया है। उस फैसले में जांच और कानून-व्यवस्था के कार्यों को अलग करने, डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त करने जैसी सिफारिशें की गई थीं।

READ ALSO  यूपी सरकार लायी अध्यादेश- नजूल भूमि को निजी व्यक्ति/ संस्था के पक्ष में फ्रीहोल्ड में परिवर्तित नहीं किया जाएगा

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि राज्य सरकारें डीजीपी पद पर कोई एड-हॉक या अंतरिम नियुक्ति न करें और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) राज्य सरकार की परामर्श से तीन वरिष्ठ अधिकारियों की सूची तैयार करे, जिनमें से किसी एक को राज्य डीजीपी नियुक्त कर सकता है।

अब सुप्रीम कोर्ट इन सभी मुद्दों पर दो सप्ताह बाद आगे की सुनवाई करेगा।

READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पारिवारिक न्यायालय के जजों के लिए "मध्यस्थता की अवधारणा और तकनीक" पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles