सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 जुलाई 2025 को हुई बैठक में देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स में स्थायी जजों और एक वर्ष की अवधि के लिए अपर जजों की नियुक्तियों की सिफारिश की है। यह कदम न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाने और लंबित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों का विवरण इस प्रकार है:
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
- स्थायी जज के रूप में सिफारिश:
- जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल (वर्तमान में अपर जज)
- जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल (वर्तमान में अपर जज)
दिल्ली हाईकोर्ट
- नवीन नियुक्ति की सिफारिश:
- श्री विमल कुमार यादव, न्यायिक अधिकारी
- श्री विमल कुमार यादव, न्यायिक अधिकारी
कलकत्ता हाईकोर्ट
- स्थायी जज के रूप में सिफारिश:
- जस्टिस पार्थ सारथी सेन
- जस्टिस अपूर्वा सिन्हा राय
- जस्टिस पार्थ सारथी सेन
- एक वर्ष की नई अवधि के लिए अपर जजों की सिफारिश:
- जस्टिस बिस्वरूप चौधरी
- जस्टिस प्रसेंजित विश्वास
- जस्टिस उदय कुमार
- जस्टिस अजय कुमार गुप्ता
- जस्टिस सुप्रतीम भट्टाचार्य
- जस्टिस पार्थ सारथी चटर्जी
- जस्टिस मोहम्मद शब्बर राशिदी
- जस्टिस बिस्वरूप चौधरी
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
- स्थायी जज के रूप में सिफारिश:
- जस्टिस हरिनाथ नूनेपल्ली
- जस्टिस किरणमयी मंदावा @ किरणमयी कनपार्थी
- जस्टिस सुमति जगदम
- जस्टिस न्यापति विजय
- जस्टिस हरिनाथ नूनेपल्ली
कर्नाटक हाईकोर्ट
- स्थायी जज के रूप में सिफारिश:
- जस्टिस गुरुसिद्दैया बसवराजा (वर्तमान में अपर जज)
- जस्टिस गुरुसिद्दैया बसवराजा (वर्तमान में अपर जज)
बॉम्बे हाईकोर्ट
- बार से सीधे नियुक्तियों की सिफारिश:
- श्री अजीत भगवानराव कडेटणकर
- सुश्री आरती अरुण साथे
- श्री सुशील मनोहर घोडेस्वर
- श्री अजीत भगवानराव कडेटणकर
इन सिफारिशों के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि न्यायिक रिक्तियों को भरने और हाईकोर्ट्स की कार्यक्षमता को सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस प्रयास जारी हैं। सभी सिफारिशों पर अंतिम निर्णय भारत सरकार की अधिसूचना के बाद लागू होगा।
