कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि 28 जुलाई को राज्य सचिवालय नबन्ना की ओर प्रस्तावित रैली पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करे।
यह निर्देश न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने एक दुकान मालिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिकाकर्ता ने शिकायत की थी कि हावड़ा की नित्यधान मुखर्जी रोड पर बार-बार होने वाले प्रदर्शन और रैलियों से स्थानीय व्यापार और दैनिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
अदालत ने यह भी रिकॉर्ड पर लिया कि पुलिस पहले ही इस प्रस्तावित रैली की अनुमति देने से इनकार कर चुकी है। न्यायमूर्ति घोष ने आदेश में कहा, “चूंकि पुलिस अधिकारियों ने 28 जुलाई को प्रस्तावित रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, ऐसे में यदि कोई समूह एकत्र होता है जिससे याचिकाकर्ता या अन्य प्रभावित व्यक्ति, जो अपना व्यापार/पेशे या दैनिक कार्य करना चाहते हैं, बाधित होते हैं, तो पुलिस कानून के अनुसार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।”

राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को सूचित किया कि पुलिस ने उचित कारणों से रैली की अनुमति नहीं दी।
यह रैली उन नौकरी अभ्यर्थियों के एक समूह द्वारा आयोजित की जा रही थी, जिन्हें अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्तियों में अनियमितता के आधार पर बर्खास्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस समय राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय कर्मियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। प्रदर्शनकारी समूह का दावा है कि उनकी नियुक्ति वैध रूप से हुई थी और वे किसी भी अनियमितता में शामिल नहीं थे।