दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा द्वारा दायर उस याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जवाब दाखिल करने के लिए समय दे दिया जिसमें राणा ने अपने परिवार से नियमित रूप से टेलीफोन पर बात करने की अनुमति मांगी है।
विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की है। कार्यवाही बंद कमरे (इन-कैमरा) में हुई, जहां राणा की ओर से कानूनी सहायता वकील पीयूष सचदेव पेश हुए।
इस दौरान अदालत ने राणा की उम्र और स्वास्थ्य स्थितियों को ध्यान में रखते हुए जेल में बिस्तर और गद्दे की मांग को स्वीकार कर लिया। जेल प्रशासन ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि जेल नियमों के अनुसार केवल 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के कैदियों को बिस्तर दिया जाता है। हालांकि अदालत ने राणा की चिकित्सा आवश्यकताओं को देखते हुए राहत दी।

NIA ने अदालत को सूचित किया कि उसने राणा का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड पहले ही जेल प्रशासन को सौंप दिया है।
इससे पहले 9 जुलाई को अदालत ने राणा की न्यायिक हिरासत 13 अगस्त तक बढ़ा दी थी।
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा, 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता और अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी हैं। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 4 अप्रैल को उनकी प्रत्यर्पण के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने के बाद उन्हें भारत लाया गया।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से मुंबई में घुसकर रेलवे स्टेशन, दो पांच सितारा होटल और यहूदी केंद्र सहित कई स्थानों पर समन्वित आतंकी हमला किया था। इस हमले में कुल 166 लोगों की जान गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
राणा की पारिवारिक फोन कॉल की याचिका पर अब सुनवाई 25 जुलाई को होगी।