सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को NEET-PG (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा – स्नातकोत्तर) परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर दायर याचिकाओं पर 3 अगस्त को सुनवाई तय की है। याचिकाओं में खासतौर पर उत्तर कुंजी और मूल्यांकन प्रक्रिया के सार्वजनिक न होने पर सवाल उठाए गए हैं।
न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजनिया की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद मामले को अगली तारीख के लिए सूचीबद्ध किया। अधिवक्ता तन्वी दुबे के माध्यम से दायर एक याचिका में परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE), की मूल्यांकन प्रणाली की अपारदर्शिता को चुनौती दी गई है।
याचिका में NBE के लिए निम्नलिखित निर्देशों की मांग की गई है:

- उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी प्रदान की जाए;
- किन प्रश्नों को सही या गलत माना गया है, इसकी जानकारी साझा की जाए;
- अंकों में विसंगति होने पर पुनर्मूल्यांकन या दोबारा जांच की सुविधा दी जाए;
- विवादित प्रश्नों या उत्तरों को चुनौती देने की प्रक्रिया उपलब्ध कराई जाए;
- वर्तमान और भविष्य की परीक्षाओं के लिए पारदर्शी मूल्यांकन तंत्र सुनिश्चित किया जाए।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता की भारी कमी है, जिससे इस महत्वपूर्ण परीक्षा की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगता है और लाखों उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन होता है।
अब सुप्रीम कोर्ट इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर 3 अगस्त को विस्तृत सुनवाई करेगा।