सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रसिद्ध संगीतकार इलैयाराजा द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए टाल दी, जिसमें उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित कॉपीराइट विवाद को मद्रास हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की है।
यह मामला न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध था, लेकिन तकनीकी कारणों से इस पर विस्तार से सुनवाई नहीं हो सकी।
इस कानूनी विवाद की शुरुआत 2022 में हुई जब सोनी म्यूज़िक एंटरटेनमेंट इंडिया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक मुकदमा दायर कर इलैयाराजा म्यूज़िक एन मैनेजमेंट प्रा. लि. (IMMPL) को 536 संगीत रचनाओं के उपयोग से रोकने की मांग की। सोनी का दावा है कि उसने ये अधिकार ओरिएंटल रिकॉर्ड्स और एको रिकॉर्डिंग के माध्यम से प्राप्त किए हैं — एको रिकॉर्डिंग वही संस्था है जिसके साथ इलैयाराजा लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

वहीं, IMMPL का कहना है कि इन 536 रचनाओं में से 310 पहले से ही मद्रास हाईकोर्ट में 2014 से लंबित एक मामले का हिस्सा हैं। उस मामले में इलैयाराजा ने एको रिकॉर्डिंग के कॉपीराइट दावे को चुनौती देते हुए अपने नैतिक और आर्थिक अधिकारों की मान्यता की मांग की है।
मद्रास हाईकोर्ट ने 2019 में एक महत्वपूर्ण फैसले में इलैयाराजा के संगीतकार के रूप में नैतिक और विशेष अधिकारों को मान्यता दी थी।
इलैयाराजा भारत के सबसे प्रतिष्ठित संगीतकारों में से एक हैं, जिन्होंने 1,500 से अधिक फिल्मों के लिए 7,500 से ज्यादा गीतों की रचना की है।