झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर उस अपील को स्वीकार कर लिया, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को देवघर कोषागार मामले में दी गई सजा को बढ़ाने की मांग की गई थी। यह मामला बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़ा है।
लालू यादव को पहले एक विशेष CBI अदालत ने दोषी ठहराया था। मामला उस समय का है जब वह बिहार के मुख्यमंत्री थे और देवघर कोषागार से करीब 89 लाख रुपये की फर्जी निकासी की गई थी। ट्रायल कोर्ट ने उन्हें साढ़े तीन साल की सजा सुनाई थी।
CBI ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय को चुनौती देते हुए कहा कि यादव उस समय पशुपालन विभाग के प्रभारी मंत्री थे और कोषागार से की गई भारी हेराफेरी से पूरी तरह अवगत थे। एजेंसी ने दलील दी कि यह अपराध गंभीर है और इसके लिए अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है, जबकि निचली अदालत ने अपेक्षाकृत हल्की सजा दी है।

यह कथित अनियमितताएं उस समय हुई थीं जब झारखंड, अविभाजित बिहार का हिस्सा था।
हाईकोर्ट ने CBI की अपील को स्वीकार करते हुए अब यह जांच करेगा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा, साक्ष्यों और कानूनी प्रावधानों के मद्देनज़र, बढ़ाई जानी चाहिए या नहीं।