बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई में पालतू और आवारा जानवरों के लिए पर्याप्त इलेक्ट्रिक श्मशान सुविधाएं न होने पर चिंता जताई और देवनार में निर्माणाधीन श्मशान के प्रगति विवरण पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
यह मामला न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति मंजुषा देशपांडे की पीठ के समक्ष है, जिसे पिछले माह अदालत ने एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लेकर उठाया था। उस रिपोर्ट में देवनार के बूचड़खाने परिसर में जानवरों के लिए श्मशान के निर्माण में हो रही देरी का उल्लेख किया गया था।
सुनवाई के दौरान बीएमसी की ओर से अधिवक्ता ऊर्ज़ा धोंड ने अदालत को सूचित किया कि दक्षिण मुंबई के महालक्ष्मी में एक श्मशान पहले से चालू है, जबकि पश्चिमी उपनगर मलाड में एक अन्य सुविधा भी उपलब्ध है। उन्होंने देवनार परियोजना की प्रगति को लेकर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा।

हालांकि पीठ ने मलाड स्थित श्मशान की वास्तविक कार्यशीलता को लेकर स्पष्ट जानकारी मांगी और मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की, साथ ही बीएमसी को तब तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
अदालत के संज्ञान में लाई गई रिपोर्ट के अनुसार, बीएमसी ने सितंबर 2023 में मलाड में प्राकृतिक गैस आधारित पशु श्मशान स्थापित किया था। इसे पशु प्रेमियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिसके बाद निगम ने देवनार में दूसरा श्मशान बनाने की घोषणा की, लेकिन यह परियोजना अब तक अधूरी है।
देवनार में प्रस्तावित श्मशान में एक समय में पांच जानवरों का अंतिम संस्कार करने की क्षमता होगी और इसकी कुल भार क्षमता लगभग 50 किलोग्राम होगी, जो औसतन 10–12 किलोग्राम वजन वाले पालतू और छोटे आवारा जानवरों के लिए उपयुक्त है।