एक महत्वपूर्ण समुद्री और पर्यावरणीय मामले में, केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा दायर ₹9,531 करोड़ के मुआवजा दावे के सिलसिले में एक मालवाहक जहाज को सशर्त रूप से गिरफ्तार करने का आदेश दिया। यह जहाज वर्तमान में विविनजम बंदरगाह पर लंगर डाले हुए है।
जिस जहाज की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं, उसका नाम MSC AKITETA II (IMO 9220847) है। यह कार्रवाई तब की गई जब इसी कंपनी द्वारा प्रबंधित एक अन्य जहाज MSC ELSA III (IMO 9123221) केरल तट के पास 25 मई को पलट गया था और डूब गया था, जिससे भारी पर्यावरणीय क्षति हुई।
केरल के पर्यावरण विभाग के अनुसार, डूबे हुए MSC ELSA III पर कुल 643 माल कंटेनर लदे हुए थे। इसके डूबने से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा, तटीय इलाकों को क्षति हुई और हजारों मछुआरों की आजीविका पर संकट आ गया।

राज्य सरकार ने अपनी याचिका में ₹9,531 करोड़ के मुआवजे की मांग की है, जिसमें पर्यावरण की पुनर्स्थापना, सफाई अभियान और मछुआरा समुदाय को मुआवजा शामिल है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एम.ए. अब्दुल हकीम ने कहा कि प्रस्तुत दस्तावेज़ी साक्ष्य से दोनों जहाजों के बीच संबंध सिद्ध होता है, जिससे उन्हें समुद्री कानून के तहत “सिस्टर शिप्स” माना जा सकता है। इस कानूनी आधार पर MSC AKITETA II की सशर्त गिरफ्तारी की अनुमति दी गई ताकि MSC ELSA III से उत्पन्न मुआवजे की मांग सुरक्षित की जा सके।
आदेश में कहा गया:
“पहले प्रतिवादी जहाज ‘MSC AKITETA II’ को ₹9,531 करोड़ की राशि जमा करने तक या उस राशि की सुरक्षा इस न्यायालय की संतुष्टि के अनुसार प्रदान करने तक गिरफ्तार किया जाता है।”
हालांकि, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि गिरफ्तारी की अवधि के दौरान जहाज अपने माल लदान व उतारने के कार्य जारी रख सकता है, बशर्ते वह न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में रहे।
इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को निर्धारित है।