केंद्र सरकार ने 3 जुलाई 2025 को “वक्फ़ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025” (Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency and Development Rules, 2025) को अधिसूचित कर दिया है। ये नियम पूरे भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और निगरानी हेतु एक समग्र डिजिटल एवं प्रशासनिक ढांचा प्रदान करते हैं। यह नियम वक्फ अधिनियम, 1995 में नवसमाविष्ट धारा 108B के तहत बनाए गए हैं, जिसे वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के माध्यम से जोड़ा गया था और यह 8 अप्रैल 2025 से प्रभावी है।
केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल और यूनिक आईडी प्रणाली
इन नियमों की प्रमुख विशेषता वक्फ संपत्तियों के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल और डेटाबेस की स्थापना है। इस पोर्टल की निगरानी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के वक्फ प्रभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव द्वारा की जाएगी। यह प्रणाली प्रत्येक वक्फ और उससे संबंधित संपत्तियों के लिए स्वचालित रूप से एक विशिष्ट पहचान संख्या (Unique ID) उत्पन्न करेगी, जिससे पूरे देश में पारदर्शी निगरानी और प्रामाणिक रिकॉर्ड-रखरखाव संभव होगा।
नोडल अधिकारी और राज्य स्तरीय सहयोग इकाइयां
हर राज्य सरकार को एक नोडल अधिकारी (संयुक्त सचिव स्तर या उससे ऊपर) नियुक्त करना होगा और केंद्र सरकार की सहमति से एक केंद्रीकृत सहयोग इकाई (Support Unit) की स्थापना करनी होगी। ये इकाइयां वक्फ डेटा अपलोड करने, पंजीकरण प्रक्रिया, लेखा प्रबंधन, लेखा परीक्षा एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों में राज्य स्तर पर सहायता करेंगी।

मुतवल्लियों के दायित्व और डिजिटल पंजीकरण
सभी मुतवल्लियों (वक्फ के देखरेखकर्ता) को पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के माध्यम से ओटीपी सत्यापन के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद, उन्हें अपने अधीनस्थ वक्फ और संपत्तियों का पूर्ण विवरण पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
राज्य स्तरीय सर्वेक्षण और औक़ाफ़ की सूची का प्रकाशन
नियमों के अंतर्गत प्रत्येक राज्य में वक्फ संपत्तियों का विस्तृत सर्वेक्षण कराना अनिवार्य होगा। सर्वेक्षण के उपरांत एक विस्तृत सूची प्रकाशित की जाएगी जिसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल होगी:
- संपत्ति की पहचान और सीमाएं
- वर्तमान उपयोग और कब्जाधारी
- वक्फ बनाने वाले व्यक्ति का विवरण, तरीका और तिथि
- वक्फ का उद्देश्य
- वर्तमान मुतवल्ली और प्रबंधन संरचना
यह सूची राजपत्र में प्रकाशन के 90 दिनों के भीतर केंद्रीकृत पोर्टल पर अपलोड की जानी आवश्यक है।
गलत वक्फ घोषणा की समयबद्ध जांच
जहां वक्फ घोषणाओं पर विवाद उत्पन्न होता है, वहां जिलाधिकारी द्वारा संदर्भ मिलने के एक वर्ष के भीतर नामित सरकारी अधिकारी को जांच पूरी करनी होगी।
नए वक्फों का पंजीकरण और सामाजिक कल्याण प्रावधान
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के लागू होने के बाद बनाए गए सभी नए वक्फों को अधिनियम की धारा 36 के अंतर्गत तीन माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा। नियमों में विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के रखरखाव के लिए सहायता राशि प्रदान करने के तरीके और माध्यमों का भी विस्तृत प्रावधान किया गया है।
वित्तीय संचालन: लेखा, ऑडिट और रजिस्टर
नियमों में लेखा-जोखा रखने, लेखा परीक्षा कराने और वैधानिक रजिस्टरों को बनाए रखने की विस्तृत व्यवस्था की गई है, जिससे वक्फ प्रशासन में वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित
उधर, वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है और निर्णय सुरक्षित रखा गया है। कई याचिकाकर्ताओं ने इस अधिनियम के कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है।