दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने की मांग की थी। यह मामला जेल में बंद कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े ₹200 करोड़ की जबरन वसूली रैकेट से संबंधित है।
न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने आदेश सुनाते हुए कहा, “याचिका खारिज की जाती है।” फैसले का विस्तृत विवरण अभी आना बाकी है।
फर्नांडीज ने अगस्त 8, 2021 को दर्ज प्रवर्तन केस सूचना रिपोर्ट (ECIR), 17 अगस्त 2022 की दूसरी अनुपूरक चार्जशीट और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत चल रही कार्यवाही को चुनौती दी थी।

ईडी का मामला अगस्त 2022 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज उस शिकायत से जुड़ा है, जिसमें सुकेश चंद्रशेखर पर केंद्रीय कानून सचिव बनकर अडिटी सिंह — रिलिगेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी — से उनके पति की जेल से रिहाई का झांसा देकर धोखाधड़ी करने का आरोप है।
जहां EOW इस धोखाधड़ी और फर्जी पहचान से जुड़े पहलुओं की जांच कर रही है, वहीं ईडी इस अपराध से उत्पन्न पैसों के लेनदेन और मनी ट्रेल की जांच कर रही है। जैकलीन को ईडी की चार्जशीट में सह-आरोपी बनाया गया है, जबकि EOW की जांच में वह गवाह के रूप में शामिल हैं।
अपनी याचिका में जैकलीन ने दावा किया कि वह चंद्रशेखर के छलावे की शिकार थीं और उन्हें उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं थी। उनके वकील ने तर्क दिया कि ईडी का पूरा मामला सिर्फ इस अनुमान पर आधारित है कि एक समाचार लेख के जरिए उन्हें चंद्रशेखर की गतिविधियों की जानकारी थी, जो किसी आपराधिक मुकदमे की आधार नहीं हो सकती।
वहीं ईडी की ओर से विशेष वकील ज़ोहैब हुसैन ने दलील दी कि फर्नांडीज की भूमिका अपराध से उत्पन्न पैसों की हेराफेरी से जुड़ी है, जो EOW की धोखाधड़ी की जांच से अलग है। उन्होंने कहा कि एक मामले में गवाह होना दूसरे मामले में अभियोजन से बचाव का आधार नहीं बनता।
2022 में ट्रायल कोर्ट ने जैकलीन को इस मामले में ₹2 लाख के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की जमानत शर्तों के साथ जमानत दी थी।
यह मामला बॉलीवुड से जुड़ा एक हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग केस बना हुआ है, जिसमें ट्रायल कोर्ट में आगे की कार्यवाही जारी है।