सुप्रीम कोर्ट ने ललित मोदी की याचिका खारिज की, ₹10.65 करोड़ की ईडी पेनल्टी बीसीसीआई से दिलवाने की मांग नहीं मानी

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के उल्लंघन के लिए उन पर लगाए गए ₹10.65 करोड़ के जुर्माने की राशि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से दिलवाने का निर्देश मांगा था।

न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि मोदी कानून के तहत उपलब्ध दीवानी उपायों का सहारा ले सकते हैं।

यह अपील बॉम्बे हाईकोर्ट के 19 दिसंबर 2023 के आदेश के खिलाफ थी, जिसमें हाईकोर्ट ने मोदी की याचिका को “निराधार और पूरी तरह गलत धारणा पर आधारित” बताते हुए खारिज कर दिया था और उन पर ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि चूंकि ईडी द्वारा लगाया गया जुर्माना व्यक्तिगत रूप से ललित मोदी पर FEMA के तहत लगाया गया है, इसलिए बीसीसीआई को रिट याचिका के माध्यम से इस राशि की भरपाई के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

Video thumbnail

अपनी याचिका में मोदी ने तर्क दिया था कि वे उस समय बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन थे, इसलिए बीसीसीआई के उपनियमों के अनुसार बोर्ड को उन्हें क्षतिपूर्ति देनी चाहिए।

हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2005 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि बीसीसीआई संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत ‘राज्य’ नहीं है और इसलिए निजी संविदात्मक मामलों में उस पर रिट क्षेत्राधिकार लागू नहीं होता।

हाईकोर्ट ने मोदी की क्षतिपूर्ति की मांग को खारिज करते हुए कहा था, “इस मामले में कोई भी सार्वजनिक कर्तव्य निर्वहन का प्रश्न ही नहीं उठता,” इसलिए रिट याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। साथ ही कोर्ट ने मोदी को आदेश दिया था कि वे चार सप्ताह के भीतर ₹1 लाख की राशि टाटा मेमोरियल अस्पताल में जमा करें।

अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने के बाद, यदि मोदी क्षतिपूर्ति का दावा करना चाहते हैं, तो उन्हें दीवानी कानूनों के तहत राहत के लिए प्रयास करना होगा।

READ ALSO  हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया फर्मों से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में आपत्तिजनक पोस्ट पब्लिश करने से मना किया 
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles