दिल्ली हाईकोर्ट ने डोमिनोज़ ब्रांड की नकल करने वाले पिज्जा आउटलेट्स पर की सख्त कार्रवाई


दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकप्रिय पिज्जा ब्रांड डोमिनोज़ और उसके पूर्व ब्रांड नेम डोमिनिक्स पिज्जा से मिलते-जुलते नामों का उपयोग कर रहे 15 संस्थानों के खिलाफ अंतरिम रोक लगाई है। जस्टिस सौरभ बनर्जी की एकल पीठ ने यह आदेश पारित करते हुए कहा कि खाद्य उत्पादों से जुड़ी भ्रम की स्थिति सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल सकती है, इसलिए ऐसे मामलों में अधिक कठोर मानक अपनाने की आवश्यकता होती है।

न्यायालय ने कहा, “वास्तव में, यदि ऐसे उत्पादों के बीच भ्रम की स्थिति बनी रहती है, तो यह मानव स्वास्थ्य पर विनाशकारी परिणाम डाल सकती है। अतः इस न्यायालय को भ्रम की संभावना का आकलन करते समय और अधिक सतर्क व कठोर रुख अपनाना होगा।”

READ ALSO  पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद ओबीसी सूची विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से त्वरित सुनवाई की मांग की

यह मामला जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड और अमेरिका स्थित डोमिनोज़ पिज़्ज़ा एलएलसी द्वारा दायर किया गया था। डोमिनोज़ एलएलसी की स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी और जुबिलेंट भारत में उसका फ्रेंचाइज़ी पार्टनर है। याचिकाकर्ताओं ने “Domnic’s”, “Dominic”, “Dominic’s”, “Domnik”, “Daminic” और “Daminic’s” जैसे नामों के उपयोग पर आपत्ति जताई, जो उनके अनुसार डोमिनोज़ या डोमिनिक्स ब्रांड के समान ध्वनि वाले या दिखने में मिलते-जुलते हैं।

अदालत ने प्रथम दृष्टया माना कि प्रतिवादियों द्वारा उपयोग किए गए नाम याचिकाकर्ताओं के पूर्ववर्ती ट्रेडमार्क “डोमिनिक्स पिज्जा” से भ्रमित करने वाले हैं। कोर्ट ने कहा, “प्रतिवादियों ने या तो याचिकाकर्ताओं के मार्क को पूरी तरह से कॉपी कर लिया है या फिर सिर्फ ‘Dominick’ शब्द से ‘K’ अक्षर को हटाकर और उसमें ‘i’ या ‘s’ जोड़ने या ‘o’ को ‘a’ से बदलने जैसे मामूली परिवर्तन कर ब्रांड के नजदीक पहुंचने का प्रयास किया है ताकि याचिकाकर्ताओं की प्रतिष्ठा का लाभ उठाया जा सके।”

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश एसके कौल के पित्ताशय की सर्जरी हुई है

इसके साथ ही कोर्ट ने फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स Swiggy और Zomato को निर्देश दिया कि वे इन पिज्जा आउटलेट्स को अपने प्लेटफॉर्म से डिलिस्ट या निलंबित करें। मुख्य मुकदमे में समन जारी कर दिए गए हैं और मामला आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles