भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में रात्रिभोज का आयोजन किया। यह समारोह भारतीय संविधान की परंपरा का प्रतीक रहा, जिसमें देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में उन्हें सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से इस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें और जानकारी साझा की गईं।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, कानून एवं न्याय मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित रहे। पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना, जिनके सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस गवई को यह पदभार सौंपा गया, भी इस अवसर पर मौजूद थे। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के कई जज, विभिन्न हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीश और अन्य विशिष्ट अतिथि भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
जस्टिस बी.आर. गवई को 14 नवम्बर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया था। वर्ष 2005 में उन्हें स्थायी जज बनाया गया। उन्होंने मुंबई स्थित मुख्य पीठ के साथ-साथ नागपुर, औरंगाबाद और पणजी पीठों पर भी न्यायिक सेवा दी।
उन्हें 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के सेवानिवृत्त होने के पश्चात 14 मई 2025 को जस्टिस गवई ने देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला।
यह रात्रिभोज न केवल सम्मान का प्रतीक था, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की न्यायिक व्यवस्था के प्रति सम्मान और विश्वास का भी सशक्त संकेत बना।