ज़िला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (DCDRC) ने एक अहम फैसले में SBI जनरल इंश्योरेंस को आदेश दिया है कि वह पॉलिसीधारक को तूफ़ान में क्षतिग्रस्त मकान के लिए पूरी बीमा राशि ₹1,08,275 चुकाए। आयोग ने बीमा कंपनी द्वारा मकान को “पुराना और जर्जर” बताकर 73% कटौती करने के प्रयास को खारिज कर दिया।
गौविंदपुरम निवासी ज्ञान प्रकाश सक्सेना ने SBI से होम लोन के तहत दो बीमा पॉलिसी (₹10 लाख और ₹9 लाख की) ली थीं। 28 मई 2021 को आए तेज़ तूफ़ान में शहतूत और आम के पेड़ उनके बागपत स्थित मकान पर गिर गए, जिससे दीवारों को नुकसान पहुंचा और फर्श में दरारें आ गईं।
सक्सेना ने दावा किया कि जब उन्होंने बीमा क्लेम के लिए आवेदन किया, तो कंपनी के अधिकृत सर्वेयर ने कथित रूप से रिश्वत मांगी। जब उन्होंने इनकार किया, तो कंपनी ने बीमा राशि में भारी कटौती करते हुए सिर्फ ₹28,585 की पेशकश की, यह कहते हुए कि मकान पुराना है।

सुनवाई के दौरान आयोग के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन और सदस्य शैलजा सचान ने स्पष्ट किया कि बीमा पॉलिसी जारी करते समय ही संपत्ति की स्थिति का आकलन किया जाना चाहिए था, न कि दावा प्रस्तुत होने के बाद।
आयोग ने SBI जनरल के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों को आदेश दिया कि वे 45 दिनों के भीतर सक्सेना को ₹1,08,275 की पूरी क्षतिपूर्ति राशि, साथ ही ₹5,000 मानसिक कष्ट और वाद व्यय के रूप में, अदा करें।