सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा राज्य बार काउंसिल से यह स्पष्ट करने को कहा कि वह राज्य में बार संघों के चुनावों की निगरानी के लिए एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट के न्यायाधीश की नियुक्ति पर क्या रुख रखती है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि पिछली सुनवाई में अदालत ने यह सुझाव दिया था, लेकिन अब तक राज्य बार काउंसिल की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।
यह मामला करनाल और रोहतक की जिला बार संघों के चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर दायर याचिकाओं के संबंध में सुनवाई के दौरान उठा। याचिकाओं में पंजाब और हरियाणा की कई जिला बार संघों में चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं।

पीठ ने कहा, “फिलहाल यह कहना कठिन है कि इन आरोपों और प्रत्यारोपों में कोई प्रथम दृष्टया दम है या नहीं। लेकिन यह सुनिश्चित करने के लिए कि एक वैधानिक संस्था के रूप में बार काउंसिल निष्पक्ष बनी रहे, हमने पिछली सुनवाई में सुझाव दिया था कि बार काउंसिल एक ऐसे सेवानिवृत्त हाई कोर्ट के न्यायाधीश को नामित कर सकती है, जो बार संघ/बार काउंसिल की कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित हो, और उन्हें राज्यभर में चुनावों की निगरानी हेतु चुनाव ट्रिब्यूनल के रूप में नियुक्त किया जाए।”
चूंकि अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, अदालत ने हरियाणा बार काउंसिल के अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वे इस संबंध में पांच दिन के भीतर अपना प्रस्ताव दाखिल करें। अब इस मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी।