देशभर के 21 लाख से अधिक मेडिकल अभ्यर्थियों को प्रभावित कर सकने वाले एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने NEET-UG 2024 के परिणामों की घोषणा पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह आदेश एक छात्रा की याचिका पर दिया गया है, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि 4 मई को हुई परीक्षा के दौरान इंदौर स्थित उसके परीक्षा केंद्र पर बिजली चली जाने के कारण उसकी परीक्षा प्रभावित हुई।
न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि परीक्षा के दौरान बिजली आपूर्ति बाधित होने से परीक्षा की परिस्थितियां प्रतिकूल हो गई थीं और प्राधिकरण वैकल्पिक प्रबंध करने में विफल रहे। अदालत ने आदेश दिया, “अगली सुनवाई तक उत्तरदाताओं द्वारा NEET-UG के परिणाम घोषित न किए जाएं।”
यह याचिका गुरुवार को सुनी गई थी और अब इसे 30 जून को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। अदालत ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA), केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

NEET-UG परीक्षा, जो पूरे भारत में मेडिकल अंडरग्रेजुएट दाखिले का एकमात्र जरिया है, 4 मई को आयोजित की गई थी। उसी दिन इंदौर के कई हिस्सों में मौसम खराब होने के चलते बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी।
पीटीआई से बातचीत में याचिकाकर्ता के वकील मृदुल भटनागर ने बताया कि इंदौर के कई परीक्षा केंद्रों पर मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बावजूद कोई बैकअप व्यवस्था नहीं थी। “जब मौसम बिगड़ा तो तीन घंटे की परीक्षा के दौरान कई केंद्रों पर एक से दो घंटे तक बिजली नहीं थी। कुछ जगहों पर तो मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा ली गई,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता छात्रा ने फिर से परीक्षा देने का अवसर मांगा है। साथ ही उन्होंने उल्लेख किया कि NEET-UG 2024 के परिणाम 14 जून के आसपास घोषित किए जाने की संभावना थी, जिससे अदालत की यह रोक अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
हाईकोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व में निर्देश देने के बावजूद किसी भी प्रतिवादी ने अदालत में पेश होकर अपना पक्ष नहीं रखा।