मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को “आतंकवादियों की बहन” कहने वाले बयान को लेकर बीजेपी मंत्री विजय शाह के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया है।
यह आदेश विजय शाह के आपत्तिजनक बयान के बाद मचे राजनीतिक और सामाजिक बवाल के बीच आया है। मंत्री ने इंदौर के पास रामकुंडा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कर्नल कुरैशी को आतंकवादियों से जोड़ दिया था।
अपने भाषण में विजय शाह ने कहा:
“वे लोग (आतंकवादी) जिन्होंने हमारी बहनों का सिंदूर मिटाया (पहलगाम आतंकी हमले में), हमने उनके ‘कटे-पिटे’ लोगों को उनकी बहन भेजकर जवाब दिया।”
इसके बाद उन्होंने कहा: “उन्होंने (आतंकवादियों ने) हमारी बहनों को विधवा बनाया, तो मोदीजी ने उनके समाज की बहन को भेजा, उन्हें नंगा किया और सबक सिखाया।”
इस बयान पर कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वे विजय शाह को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें।
गौरतलब है कि कर्नल सोफिया कुरैशी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मुख्य प्रवक्ता के रूप में कार्य कर रही थीं और उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ प्रेस ब्रीफिंग में अभियान से जुड़ी जानकारियां साझा की थीं।
बयान के बढ़ते विरोध को देखते हुए मंत्री शाह ने सफाई दी कि उनके शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, लेकिन इस स्पष्टीकरण से स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। नागरिक संगठनों, पूर्व सैनिकों और विपक्षी नेताओं ने मंत्री पर सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाने और सैन्य सेवा का साम्प्रदायिकरण करने का आरोप लगाया है।
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, जिसमें विजय शाह के बयान की वैधता को चुनौती दी गई थी और आपराधिक कार्यवाही की मांग की गई थी, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। अब मंत्री के खिलाफ औपचारिक आपराधिक जांच शुरू हो गई है।
