सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के व्यवसायी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार की ₹21,000 करोड़ के मुंद्रा पोर्ट ड्रग बरामदगी मामले में दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया। यह मामला भारत के इतिहास की सबसे बड़ी मादक पदार्थ बरामदगी में से एक माना जा रहा है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने तलवार की जमानत याचिका अस्वीकार करते हुए उन्हें छह महीने बाद पुनः याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता दी। साथ ही विशेष अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले की सुनवाई हर महीने दो बार सूचीबद्ध कर मामले का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करे।
पीठ ने इस स्तर पर तलवार पर लगाए गए आतंकवाद वित्तपोषण के आरोपों को “अकाल्पनिक” करार दिया। इससे पहले, 23 अप्रैल को एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जब्त ड्रग्स की बिक्री से प्राप्त धनराशि कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों को वित्तपोषित करने में उपयोग की गई थी।

तलवार, जो दिल्ली के नाइटलाइफ सर्किट में लोकप्रिय क्लबों के संचालन के लिए जाने जाते हैं, को अगस्त 2022 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर बड़ी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी के बाद हुई थी।
यह मामला 12 सितंबर 2021 का है, जब अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते आए कंटेनर गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पहुंचे। खुफिया जानकारी के आधार पर 13 सितंबर को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने जांच की और अर्ध-प्रसंस्कृत टैल्क स्टोन में छिपाकर रखे गए हेरोइन से भरे बैग बरामद किए। जब्त मादक पदार्थों का कुल वजन 2,988.21 किलोग्राम था, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग ₹21,000 करोड़ आंकी गई थी।
जांच में यह भी सामने आया कि यह तस्करी ऑपरेशन की छठी और अंतिम खेप थी। मामले में अफगान नागरिकों सहित कई गिरफ्तारियां की गई हैं।
मामले की सुनवाई अभी जारी है और संबंधित एजेंसियां भारत में अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ इस ऐतिहासिक मामले का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के प्रयास में लगी हुई हैं।