बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को ओशिवारा क्रीक पर छह लेन वाला केबल-स्टे ब्रिज बनाने की अनुमति दे दी है, जो शहीद भगत सिंह नगर को मिलाट नगर रोड से जोड़ेगा। मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे और न्यायमूर्ति मकरंद कर्णिक की खंडपीठ ने 7 मई को यह आदेश दिया। यह निर्णय मुंबई में लंबे समय से चली आ रही यातायात समस्या को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अदालत ने महाराष्ट्र कोस्टल ज़ोन मैनेजमेंट अथॉरिटी (MCZMA) को इस परियोजना को स्वीकृति देने का निर्देश दिया, जिसमें 31 मैंग्रोव वृक्षों की कटाई शामिल होगी। यह अनुमति 2018 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जारी उस आदेश के अनुरूप दी गई है, जिसमें मैंग्रोव क्षेत्रों या उनके 50 मीटर के बफर जोन में किसी भी निर्माण के लिए पूर्व स्वीकृति आवश्यक बताई गई थी। बीएमसी ने 2024 में इसके लिए आवेदन किया था और 31 मैंग्रोव की कटाई के बदले 444 नए मैंग्रोव पौधे लगाने का आश्वासन दिया है।
कोर्ट ने इस पुल को “सार्वजनिक उपयोग की परियोजना” करार देते हुए कहा, “यह परियोजना यातायात प्रबंधन, वाहनों की भीड़ को कम करने और शहीद भगत सिंह नगर जैसे अविकसित इलाकों को मिलाट नगर रोड से सीधे जोड़ने के उद्देश्य से प्रस्तावित सार्वजनिक उपयोग की परियोजना है।”

इस परियोजना को बीएमसी की औपचारिक स्वीकृति 2022 के अंत में मिली थी। प्रस्तावित पुल लगभग 500 मीटर लंबा होगा और इसकी अनुमानित लागत ₹418.35 करोड़ है। यह अंधेरी लोखंडवाला से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा और पहले से भीड़भाड़ वाली न्यू लिंक रोड पर यातायात का दबाव कम करने में मदद करेगा।
बीएमसी की योजना के अनुसार, यह पुल मिलाट नगर में मस्जिद अल-सलाम चौक से शुरू होकर भगत सिंह नगर पर समाप्त होगा। निर्माण कार्य को चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, हालांकि इसके लिए पहले भगत सिंह नगर में निवास करने वाले लगभग 2,500 परिवारों के पुनर्वास की चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
इस परियोजना का बॉम्बे एनवायरनमेंटल एक्शन ग्रुप (BEAG) ने विरोध किया था, जिसकी 2018 में दायर जनहित याचिका के चलते अदालत ने मैंग्रोव क्षेत्रों की सुरक्षा का आदेश दिया था। हालांकि, अदालत ने इस परियोजना को व्यापक जनहित में आवश्यक मानते हुए मंजूरी प्रदान की है।