बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को नासिक स्थित डेटर कैंसर जेनेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को नोटिस जारी किया है। याचिका में कंपनी ने Per-C-Vax नामक कैंसर इम्यूनोथेरेपी दवा के फेज-1 ह्यूमन ट्रायल की अनुमति न दिए जाने को चुनौती दी है।
मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम.एस. कर्णिक की खंडपीठ ने CDSCO से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके बाद मामला 13 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
कंपनी का आरोप है कि दवा परीक्षण के लिए 2 अगस्त 2023 को आवेदन किया गया था, और न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल्स (NDCT) रूल्स, 2019 के नियम 22(3) के अनुसार, CDSCO को 30 दिनों के भीतर निर्णय देना था। कंपनी ने दावा किया है कि नियत समय में कोई निर्णय नहीं दिया गया, जिससे आवेदन को स्वीकृत माना जाना चाहिए।

याचिका में 22 अप्रैल 2025 को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी द्वारा दी गई अस्वीकृति को भी “दुर्भावनापूर्ण” और “कानून के साथ धोखा” बताया गया है। कंपनी का कहना है कि CDSCO की प्रीक्लिनिकल एनिमल डेटा की मांग वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अनुचित और व्यावहारिक नहीं है, क्योंकि यह दवा इंसानों में ठोस अंगों के कैंसर के इलाज के लिए तैयार की गई है।
कंपनी ने बताया कि उसकी अनुसंधान टीम में 7 एमडी, 13 पीएचडी और 78 वैज्ञानिक शामिल हैं, और उसका संचालन अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, कनाडा, भारत, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में होता है। वकील ने अदालत को बताया कि Per-C-Vax एक क्रांतिकारी उपचार हो सकता है और भारत को कैंसर अनुसंधान के वैश्विक मंच पर अग्रणी बना सकता है। पहले चरण में दस स्टेज-4 कैंसर मरीजों पर इस इम्यूनोथेरेपी का परीक्षण प्रस्तावित है।