सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के अधिकारियों को तीन महीनों के भीतर उपयुक्त आवास उपलब्ध कराए।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने यह निर्देश वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र अपराजिता सिंह की ओर से दी गई जानकारी के बाद दिया, जिसमें बताया गया था कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्य दिल्ली में उचित आवास पाने में गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
पीठ ने आदेश में कहा, “हम जानते हैं कि कई सरकारी अधिकारियों को दिल्ली में आवास प्राप्त करने में कठिनाई होती है। हम भारत सरकार को निर्देश देते हैं कि वह CAQM के अधिकारियों को तीन माह के भीतर उपयुक्त आवास प्रदान करे।”

CAQM की स्थापना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत की गई थी, जो 13 अप्रैल 2021 से प्रभावी हुआ। यह आयोग एनसीआर और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की निगरानी और सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह वैधानिक निकाय विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने, अनुसंधान करने, प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने और नीति संबंधी सिफारिशें देने के लिए अधिकृत है। आयोग को वायु प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई करने और आवश्यक निर्देश जारी करने का अधिकार भी प्राप्त है।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब एनसीआर में लगातार खराब होती वायु गुणवत्ता को लेकर चिंता बढ़ रही है, खासकर सर्दियों के महीनों में जब प्रदूषण का स्तर चरम पर होता है। आयोग के अधिकारियों को आवास उपलब्ध कराए जाने से ज़मीनी स्तर पर वायु गुणवत्ता की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में सहायता मिलने की उम्मीद है।