कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार इस शिकायत के निस्तारण की कोई समयसीमा नहीं दे पा रही है, ऐसे में याचिका को लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अन्य वैकल्पिक कानूनी उपाय अपनाने की अनुमति दी।
यह याचिका कर्नाटक के भाजपा कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर ने दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनके पास ब्रिटिश सरकार के दस्तावेज़ और कुछ ईमेल हैं जो यह साबित करते हैं कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं। उन्होंने कहा कि इस आधार पर गांधी भारत में चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं और लोकसभा सदस्य नहीं रह सकते।
इससे पहले 21 अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट को सूचित किया गया था कि केंद्र सरकार ने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता के दावे को लेकर ब्रिटेन सरकार को पत्र भेजा है। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को 5 मई तक जवाब दाखिल करने का समय दिया था।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि उन्होंने राहुल गांधी की कथित दोहरी नागरिकता को लेकर दो बार सक्षम प्राधिकारी को शिकायत भेजी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। 25 नवंबर 2024 को हुई सुनवाई में भी कोर्ट ने केंद्र से याचिकाकर्ता की शिकायत पर निर्णय की जानकारी मांगी थी।
डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एस.बी. पांडे ने कोर्ट को बताया था कि याचिकाकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए संबंधित मंत्रालय ने यूके सरकार को पत्र भेजा है और अंतिम निर्णय के लिए कुछ और समय चाहिए।
कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता यदि चाहें तो अन्य कानूनी विकल्पों का सहारा ले सकते हैं।