सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डिजिटल न्यूज़ चैनल ‘4 पीएम’ को ब्लॉक किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार और यू-ट्यूब को नोटिस जारी कर दो हफ्तों में जवाब मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश भुषण आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने यह आदेश पत्रकार संजय शर्मा की याचिका पर दिया, जिन्होंने अपने यूट्यूब चैनल की तत्काल बहाली की मांग की थी। शर्मा का दावा है कि उनके चैनल के 70 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं और उसे बिना किसी सूचना के अवैध रूप से ब्लॉक कर दिया गया।
पीठ ने कहा, “हम बिना दूसरी पक्ष की बात सुने कोई आदेश नहीं दे सकते।” अदालत ने याचिकाकर्ता को इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय को याचिका की प्रति भेजने की अनुमति भी दी।

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश होकर कहा, “यह कैसे हो सकता है? यह प्रथम दृष्टया असंवैधानिक है। मुझे ब्लॉकिंग आदेश की कोई कॉपी नहीं दी गई है। सिर्फ़ एकमात्र जानकारी मुझे इंटरमीडियरी (यू-ट्यूब) से मिली है।”
याचिका में कहा गया है कि चैनल को “राष्ट्रीय सुरक्षा” के आधार पर ब्लॉक किया गया, लेकिन इस संबंध में कोई कारण या रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि उनके न्यूज़ प्लेटफॉर्म ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद जवाबदेही और सुरक्षा चूकों पर सवाल उठाए थे, जो सरकार को असहज कर सकते थे।
याचिका में सूचना प्रौद्योगिकी (जनसाधारण द्वारा सूचना की पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय) नियम, 2009 के नियम 16 को भी असंवैधानिक बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है। यह नियम सरकार द्वारा सूचना अवरुद्ध करने के आदेशों को गोपनीय रखने का प्रावधान करता है।
अब यह मामला दो सप्ताह बाद पुनः सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।