सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अम्रपाली ग्रुप से जुड़े मामलों, जिनमें फ्लैट खरीदारों की याचिकाएं भी शामिल हैं, की अगली सुनवाई जुलाई के लिए टाल दी है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित की जाने वाली नई पीठ इन मामलों की सुनवाई करेगी, क्योंकि न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी 9 जून को सेवानिवृत्त हो रही हैं।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि यह मामला अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता और न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने सेवानिवृत्ति से पहले इसे समाप्त करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि प्रभावी समाधान के लिए पक्षकारों को आगे आना होगा।
फ्लैट खरीदारों की ओर से पेश अधिवक्ता एम.एल. लाहोटी ने 2019 के मुख्य फैसले में उल्लेखित कुछ अहम मुद्दों, विशेष रूप से पूर्व अधिकारियों और प्रमोटरों से धन की वसूली, पर अदालत से निर्णय की मांग की। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे फैसले का अभिन्न हिस्सा हैं और इन्हें अनसुलझा नहीं छोड़ा जा सकता।
सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने भी खरीदारों की ओर से पेश होते हुए अदालत में एमिकस क्यूरी (अदालती सहायक) नियुक्त करने का अनुरोध किया, ताकि मामले में प्रभावी सहायता मिल सके।
न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद से इस मामले की लगातार सुनवाई की, लेकिन अब न्यायमूर्ति शर्मा बाकी बचे मुद्दों को देखेंगे।
अदालत ने खरीदारों की ओर से दाखिल नोट्स, कोर्ट द्वारा नियुक्त रिसीवर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी के बयान, और नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की स्थिति रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया।
गौरतलब है कि 7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अम्रपाली से जुड़े मामले 2017 से लंबित हैं और इन्हें अब और लंबा नहीं खींचा जा सकता। कोर्ट ने कहा था कि परियोजनाओं में “वास्तविक अनुपालन” हुआ है और अब वह मामलों का “समापन” चाहता है।
कोर्ट रिसीवर की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) ने अम्रपाली की रुकी हुई परियोजनाओं में करीब 25,000 फ्लैटों का निर्माण पूरा कर लिया है।
2019 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अम्रपाली समूह के प्रबंधन को हटाया गया था और निर्माण कार्य NBCC को सौंपा गया था, जिससे हजारों फ्लैट खरीदारों को राहत मिली थी। अब यह मामला जुलाई में नई पीठ के समक्ष फिर से सुना जाएगा।