मुंबई की व्यस्त सड़क पर खुले ट्रांसफार्मर पर बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त, अधिकारियों को तुरंत हटाने का निर्देश

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की सरकारी बिजली कंपनी MSEDCL और मुंबई महानगरपालिका (BMC) को शहर की एक व्यस्त सड़क के बीचों-बीच खुले ट्रांसफार्मर बॉक्स और हाई टेंशन बिजली की तारें लगाने पर कड़ी फटकार लगाई है और इसे तत्काल हटाने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ ने मंगलवार को यह आदेश सुनाते हुए कहा कि उपनगरीय गोरेगांव-मालाड लिंक रोड पर इस तरह खुले में लगाया गया ट्रांसफारमर मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा है।

यह निर्देश मैराथन मैक्सिमा को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें बताया गया था कि सड़क के बीच में खुले ट्रांसफार्मर बॉक्स और उससे जुड़ी हाई टेंशन तारें सीधे खतरे का कारण बन रही हैं।

कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा पेश की गई तस्वीरों का अवलोकन करने के बाद कहा, “यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह बिजली की व्यवस्था एक आसन्न खतरे को जन्म दे रही है। इस प्रकार की विद्युत स्थापना सड़क के बीच में कैसे लगाई जा सकती है, यह हम नहीं समझ पाते।”

अदालत ने यह भी कहा कि MSEDCL द्वारा इस ट्रांसफार्मर की सुरक्षा या रखरखाव के लिए कोई भी सावधानी नहीं बरती गई, जिससे यह जनजीवन के लिए खतरा बन चुका है।

कोर्ट ने BMC पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि “गोरेगांव-मालाड लिंक रोड पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान निगम ने इस गंभीर मुद्दे की ओर पूरी तरह से आंखें मूंद ली हैं।”

अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि किसी प्रकार की दुर्घटना होती है, तो BMC और MSEDCL दोनों के अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे और पीड़ितों को मुआवज़ा देने की पूरी जिम्मेदारी उनकी होगी।

READ ALSO  वकीलों को यौन उत्पीड़न के तुच्छ मामलों के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए संवेदनशील होना चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

कोर्ट ने दोनों एजेंसियों को तुरंत इस ट्रांसफार्मर बॉक्स को हटाने या स्थानांतरित करने के निर्देश दिए और अगली सुनवाई 7 मई को निर्धारित की।

याचिका में यह भी बताया गया कि सोसायटी के प्रवेश द्वार के पास स्थित पुलिस थाने के बाहर जब्त और टो किए गए वाहनों को पार्क कर दिया जाता है, जिससे आवागमन में बाधा उत्पन्न होती है।

सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने कोर्ट को बताया कि सभी वाहन वहां से हटा दिए गए हैं। कोर्ट ने इस पर व्यापक जानकारी मांगी कि सिर्फ इस थाने से नहीं, बल्कि पूरे मुंबई के पुलिस स्टेशनों से जब्त वाहनों को हटाने के लिए क्या नीति बनाई जा रही है।

READ ALSO  तलाक मांगने की कार्रवाई का कारण कब उत्पन्न होता है? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बताया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles