मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण नहीं होने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण न होने को लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह नोटिस हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति गजेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने कांग्रेस विधायकों सचिन यादव और प्रताप ग्रेवाल द्वारा दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को जारी किया।

कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 16 जून को तय की गई है।

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याचिका में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा विधानसभा कार्यवाही को डिजिटल रूप से सार्वजनिक करने के लिए ‘नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन’ (NeVA) योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत सभी राज्यों की विधानसभाओं को ‘डिजिटल हाउस’ में तब्दील किया जाना है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के लिए ₹21 करोड़ की राशि स्वीकृत की है।

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याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता जयेश गुर्नानी ने अदालत को बताया कि इस योजना के तहत विधानसभा कार्यवाही का लाइव प्रसारण आवश्यक है ताकि आम नागरिक अपने जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली और उठाए गए मुद्दों को सीधे देख सकें। लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

गुर्नानी ने तर्क दिया कि इस योजना के क्रियान्वयन में विफलता पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की भावना को कमजोर करती है, जिससे जनता को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जोड़ने का मकसद अधूरा रह जाता है।

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हाईकोर्ट अब अगली सुनवाई में राज्य सरकार की सफाई पर विचार करेगा।

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