वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन की अनुमति पर कर्नाटक हाईकोर्ट की राज्य सरकार को फटकार

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन की अनुमति देने को लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। कोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की जब यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब किसी मुद्दे पर देश की सर्वोच्च अदालत विचार कर रही हो, तो उस पर इस तरह का सार्वजनिक प्रदर्शन करना अनुचित है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “राज्य सरकार को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वक्फ अधिनियम में संशोधन से संबंधित मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है, ऐसे में इस प्रकार के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सार्वजनिक सड़कों पर ऐसे प्रदर्शन के कारण कोई अवरोध उत्पन्न नहीं होना चाहिए। प्रदर्शन केवल निर्धारित स्थानों पर और उचित अनुमति के साथ ही आयोजित किए जा सकते हैं। न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर अनुमति नहीं है, तो प्रदर्शन भी नहीं होगा।”

Video thumbnail

यह टिप्पणी मंगळूरु निवासी राजेश ए द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई। याचिका में शहर के पुलिस आयुक्त द्वारा जारी उस निर्देश को चुनौती दी गई थी जिसमें निजी बस ऑपरेटरों और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम को शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्ग 73 के एक हिस्से पर सेवाएं रोकने को कहा गया था, जिससे प्रदर्शन के लिए रास्ता खाली कराया जा सके।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ताओं हेमंत आर राव और लीलेश कृष्णा ने दलील दी कि इस तरह की एडवाइजरी से आम लोगों की आवाजाही प्रभावित होती है और उन्हें अनुचित असुविधा होती है।

READ ALSO  धारा 376(3) आईपीसी के तहत आरोपित को अग्रिम जमानत देने से धारा 438 CrPC नहीं रोकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट

कोर्ट की चिंताओं का जवाब देते हुए राज्य सरकार ने स्पष्टीकरण दिया कि प्रारंभिक एडवाइजरी को संशोधित कर लिया गया है ताकि सामान्य यातायात पर कोई असर न पड़े। हालांकि, एहतियात के तौर पर भारी और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles