वक्फ बोर्ड मामले की सुनवाई का सीधा प्रसारण शुरू करने की मांग: SCBA ने सुप्रीम कोर्ट से की अपील

वक्फ बोर्ड से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मामले असदुद्दीन ओवैसी बनाम भारत संघ की हालिया सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 1 में अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने इस मामले की आगे की कार्यवाही का सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) शुरू करने की अपील की है।

image 5

SCBA के मानद सचिव श्री विक्रांत यादव द्वारा सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार (टेक्नोलॉजी) श्री एच.एस. जग्गी को 17 अप्रैल 2025 को लिखे गए पत्र में 16 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान कोर्टरूम की स्थिति को “बेहद भीड़भाड़ वाला, बैठने या खड़े होने की कोई जगह नहीं थी” बताया गया। पत्र में कहा गया कि ऐसी स्थिति से “सांस घुटने/क्लॉस्ट्रोफोबिया जैसी समस्या” उत्पन्न हुई और दो अधिवक्ताओं के बेहोश होने की भी सूचना है।

READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने थाने में महिलाओं से दुर्व्यवहार और बुजुर्गों से मारपीट के SHO के दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच के आदेश दिए

यह मामला—W.P.(C) No. 269/2025, असदुद्दीन ओवैसी बनाम भारत संघ—वक्फ बोर्ड से संबंधित याचिकाओं के एक समूह का हिस्सा है और यह न केवल कानूनी जगत बल्कि आम जनता में भी अत्यधिक रुचि का विषय बना हुआ है।

Video thumbnail

SCBA ने यह भी उल्लेख किया कि यह मामला आज (17 अप्रैल) को भी सूचीबद्ध है और सभी आगामी सुनवाइयों का सीधा प्रसारण सुनिश्चित किया जाए। पत्र में कहा गया:

“आपसे अनुरोध है कि जब भी यह मामला सूचीबद्ध हो, उस समय SCBA को लाइव स्ट्रीमिंग लिंक उपलब्ध कराया जाए ताकि सदस्यों के बीच वह लिंक साझा किया जा सके, जिससे कोर्टरूम में भीड़ को कम किया जा सके और किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।”

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सूचीबद्ध न करने के लिए अपने अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज कर दी, इसे रजिस्ट्री को "धमकाने" का प्रयास बताया

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही संविधान पीठ से जुड़े मामलों का चयनित लाइव प्रसारण शुरू कर चुका है, जिससे न्यायिक कार्यवाही में पारदर्शिता को बढ़ावा मिला है। लेकिन बार एसोसिएशन की यह मांग दर्शाती है कि अब समय आ गया है कि सार्वजनिक और पेशेवर महत्व वाले मामलों में भी यह सुविधा विस्तारित की जाए।

यह पत्र SCBA के मानद सचिव श्री विक्रांत यादव द्वारा हस्ताक्षरित है।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यायाधीशों के लिए आवास के संबंध में केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles