उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADJ) के तीन रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए आयोजित की गई हायर जुडिशियल सर्विस परीक्षा का परिणाम चौंकाने वाला रहा। हाल ही में घोषित परीक्षा परिणाम के अनुसार, एक भी अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए पात्र नहीं पाया गया।
हाईकोर्ट द्वारा आयोजित इस प्रतियोगी परीक्षा का उद्देश्य बार के अधिवक्ताओं में से तीन पदों को भरना था। परीक्षा में कुल 64 अभ्यर्थी पात्र घोषित किए गए थे, जिनमें से केवल 42 ने मुख्य लिखित परीक्षा में भाग लिया, जबकि 22 अभ्यर्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे। मुख्य परीक्षा देने वाले 42 में से एक भी अभ्यर्थी न्यूनतम योग्यता अंक प्राप्त नहीं कर सका, जिसके चलते कोई भी साक्षात्कार चरण के लिए चयनित नहीं हो पाया।
600 अंकों की इस परीक्षा में चार प्रश्नपत्र शामिल थे। परीक्षा में वही अधिवक्ता शामिल हो सकते थे जो बार के सदस्य हों, जिनकी आयु 35 वर्ष तक हो और जिनके पास कम से कम सात वर्षों का विधिक अनुभव हो। अनारक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम उत्तीर्णांक 50% तथा आरक्षित वर्ग के लिए 45% निर्धारित किए गए थे।

तीन महत्त्वपूर्ण न्यायिक पदों को भरने के लिए की गई यह सीधी भर्ती प्रक्रिया न केवल विफल रही, बल्कि इस परिणाम ने विधिक समुदाय में तैयारी के स्तर और परीक्षा की कठिनता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।