ठाणे, महाराष्ट्र के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में 2019 में पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सड़क दुर्घटना में घायल हुई महिला सुषमा अशोक बागल को 7.4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। एमएसीटी के सदस्य एस.एन. शाह द्वारा दिया गया यह फैसला इस शुक्रवार को आदेश की प्रति जारी होने के बाद सामने आया।
यह घटना 31 अक्टूबर, 2019 को हुई, जब बागल अपने परिवार के साथ पुणे से ठाणे जा रही थीं। एमएसीटी में दायर उनके दावे के अनुसार, उनकी कार महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) द्वारा संचालित शिवनेरी बस से टकरा गई थी, जिसके कारण तीन कारें आपस में टकरा गईं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बागल को चोटें आईं।
न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में दुर्घटना का कारण बस चालक की लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने को बताया, तथा एमएसआरटीसी की इस दलील को खारिज कर दिया कि दुर्घटना कई चालकों की लापरवाही का नतीजा थी, जिसमें बागल की कार चलाने वाला एक और उस समय कथित तौर पर यू-टर्न लेने वाला एक अन्य अज्ञात वाहन शामिल है।

7.4 लाख रुपये का मुआवज़ा भविष्य की आय और चिकित्सा व्यय के नुकसान को कवर करता है। बागल, जो दुर्घटना के समय 42 वर्ष के थे और उनकी मासिक आय 8,000 रुपये थी, को अक्टूबर 2020 से मुआवज़ा राशि पर 8% प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी मिलेगा, जिस दिन मुआवज़ा याचिका दायर की गई थी।