सामाजिक हानि से बचाव के लिए ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने का राज्य सरकार को अधिकार: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि अगर कोई ऑनलाइन रियल मनी गेम (RMG) अत्यधिक लत लगाने वाला और सामाजिक रूप से हानिकारक पाया जाए, तो तमिलनाडु सरकार को उसे नियंत्रित करने का अधिकार है—बशर्ते यह नियंत्रण खिलाड़ियों और गेमिंग कंपनियों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न करे।

यह टिप्पणी उन याचिकाओं की सुनवाई के दौरान आई, जो ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने Tamil Nadu Online Gaming Authority की 2025 की विनियमों के खिलाफ दायर की थीं। इन नियमों में रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक का “ब्लैंक ऑवर” प्रतिबंध और आधार आधारित उपयोगकर्ता सत्यापन अनिवार्य किया गया है।

न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति के. राजशेखर की पीठ ने राज्य की जिम्मेदारी पर टिप्पणी करते हुए कहा, “तमिलनाडु में लोगों की देखभाल राज्य कर सकता है… कुछ गतिविधियां अन्य की तुलना में अधिक लत लगाने वाली होती हैं, इसलिए राज्य को उन्हें नियंत्रित करना होगा।” कोर्ट की यह अंतरिम टिप्पणी RMG की लत और सामाजिक प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार के रुख का समर्थन करती है।

Video thumbnail

गेमिंग कंपनियों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सज्जन पूवय्या ने तर्क दिया कि ऑनलाइन RMG पहले से ही केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार गेमिंग पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंध लगाने का प्रयास कर रही है और इसे लत से सुरक्षा के बहाने पेश कर रही है।

READ ALSO  यूपी में सिपाही की हत्या में दो को उम्रकैद, एक को उम्रकैद!

इस मुद्दे पर बुधवार को संसद में भी चर्चा हुई, जब DMK सांसद दयानिधि मारन के प्रश्नों के उत्तर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सट्टेबाज़ी और जुए सहित ऑनलाइन गेमिंग संविधान की संघीय संरचना के अनुसार राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है।

Playgames 24×7 की ओर से पेश होते हुए रोहतगी ने राज्य सरकार की नीति की तुलना “महान दादा” से की, जो यह तय कर रहा हो कि लोगों को कब सोना चाहिए। उन्होंने यह सवाल उठाया कि सिर्फ RMG पर ही रात्रिकालीन प्रतिबंध क्यों, जबकि अन्य मनोरंजन माध्यमों को रात भर संचालित होने की अनुमति है?

READ ALSO  IPC/RPC में SBI के अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के लिए पूर्व मंजूरी की आवश्यकता नहीं: हाईकोर्ट

कोर्ट ने RMG के जोखिमों को अन्य खेलों से अलग माना। कोर्ट ने कहा, “कोई भी फुटबॉल में हारकर अपनी सारी संपत्ति नहीं खोता या मर नहीं जाता। लेकिन रियल मनी गेम्स में ऐसा हो सकता है।” यह टिप्पणी RMG में जुड़े गंभीर जोखिमों को रेखांकित करती है।

सुनवाई के दौरान रोहतगी ने यह सुझाव भी दिया कि खिलाड़ियों को अपने लिए कोई भी पांच घंटे का “ब्लैंक ऑवर” स्वयं चुनने की छूट दी जाए, ताकि विनियमन में कुछ लचीलापन आ सके।

READ ALSO  बॉम्बे हाई कोर्ट ने धारावी स्लम पुनर्विकास के लिए अदानी समूह के टेंडर को मान्य किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles