यदि पिता की मृत्यु एक दिन बाद होती, तो बेटे को कोई अधिकार नहीं मिलता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के नियमों को स्पष्ट किया 

सेवा नियमों के तहत अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित एक महत्वपूर्ण स्पष्टता में, कलकत्ता हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता शेख मोनिकुल हुसैन के पक्ष में निर्णय सुनाया है, जिनका अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन पहले उनके पिता की मृत्यु के समय आयु की व्याख्या के आधार पर खारिज कर दिया गया था।

मामला संख्या W.P.A. 28275 of 2024 में फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य ने कहा कि यदि शिक्षक की मृत्यु 2 जनवरी 2021 को होती, तो बेटे को कोई कानूनी अधिकार नहीं होता, लेकिन चूंकि उनकी मृत्यु 1 जनवरी 2021 को हुई थी, इसलिए याचिकाकर्ता नियमों के तहत पात्र हैं।

मामले की पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता के पिता पश्चिम बंगाल सरकार के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे और उन्हें 31 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त होना था। पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षक भर्ती नियम, 2016 के नियम 18 के अनुसार, उनकी जन्मतिथि 2 जनवरी 1961 दर्ज थी, लेकिन उनकी मृत्यु 1 जनवरी 2021 को हो गई।

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शेख मोनिकुल हुसैन ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के लिए आवेदन किया — यह एक व्यवस्था है जिसके तहत सरकारी कर्मचारी की सेवा अवधि के दौरान मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रित को नौकरी देने पर विचार किया जाता है। हालांकि, पश्चिम बंगाल रीजनल स्कूल सर्विस कमीशन (ईस्टर्न रीजन) ने 5 फरवरी 2024 के मेमो द्वारा उनका आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके पिता की मृत्यु के दिन उनकी आयु 60 वर्ष पूरी हो चुकी थी, और इसलिए बेटा अयोग्य हो गया।

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विधिक मुद्दे

1. मृत्यु के समय आयु की व्याख्या:

क्या यह कहा जा सकता है कि मृतक ने 60 वर्ष की आयु पूरी कर ली थी, यदि उसकी मृत्यु उसी दिन हुई जिस दिन वह 60 वर्ष का होने वाला था — यानी 1 जनवरी 2021?

2. किस नियम का लागू होना:

क्या इस मामले में 2009 के गैर-शिक्षण स्टाफ भर्ती नियम लागू होंगे या 2016 के शिक्षक भर्ती नियम, क्योंकि याचिकाकर्ता ने माध्यमिक विद्यालय में नियुक्ति के लिए आवेदन किया था?

दोनों पक्षों की दलीलें

याचिकाकर्ता की ओर से:

एडवोकेट फिरदौस समीम, गोपा विश्वास, संप्रिति साहा, और स्वाति डे ने तर्क दिया:

  • मृतक की जन्मतिथि 2 जनवरी 1961 थी, इसलिए उन्होंने 60 वर्ष की आयु 2 जनवरी 2021 को पूरी की होती।
  • 1 जनवरी 2021 को उनकी उम्र 59 वर्ष 11 महीने और 30 दिन थी।
  • इसलिए 2009 के नियमों के अनुसूची V के खंड 1 के तहत वह पात्र हैं, जो कहता है कि यदि सरकारी कर्मचारी 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने से पहले मरता है, तो आश्रित को नौकरी दी जा सकती है।
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प्रतिकार पक्ष की ओर से:

एडवोकेट बिस्वब्रत बसु मलिक, बिमान हलदर (राज्य की ओर से), सुनीत कुमार राय (WBCSSC की ओर से) और साइबल आचार्य व तनवीर जमील मंडल (DPSC, पूर्व बर्धमान की ओर से) ने कहा:

  • चूंकि मृतक की मृत्यु 1 जनवरी 2021 को हुई, यानी जिस दिन वह 60 वर्ष का होने वाला था, तो वह पहले ही 60 वर्ष पूरे कर चुके थे।
  • इसलिए उनके आश्रित को 2009 नियमों के तहत नौकरी देने की पात्रता नहीं बनती।

अदालत के निष्कर्ष

न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य ने कहा:

“यदि याचिकाकर्ता के पिता की मृत्यु 2 जनवरी 2021 को होती, तो यह कहा जा सकता था कि उन्होंने 60 वर्ष की आयु पूरी कर ली थी। लेकिन चूंकि मृत्यु उस दिन हुई जब वे 60वें वर्ष में प्रवेश कर रहे थे, यह नहीं माना जा सकता कि उन्होंने 60 वर्ष पूरे कर लिए थे।”

अदालत ने स्पष्ट किया कि:

  • यदि मृत्यु उसी दिन हो जब कर्मचारी 60 वर्ष की आयु प्राप्त करता है, लेकिन पूरा नहीं करता, तो कोई स्पष्ट कानूनी बाधा नहीं है जो आवेदन को रोकती हो।
  • अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्रता इस बात पर निर्भर करती है कि कर्मचारी ने 60 वर्ष की आयु पूरी की या नहीं, न कि केवल उस कैलेंडर वर्ष में पहुंचने पर।
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निर्णय और निर्देश

  • 5 फरवरी 2024 का वह मेमो, जिसके माध्यम से याचिकाकर्ता का आवेदन खारिज किया गया था, रद्द किया गया।
  • अदालत ने ईस्टर्न रीजन स्कूल सर्विस कमीशन को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता की नियुक्ति के लिए पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अनुशंसा भेजे, यदि याचिकाकर्ता अन्य सभी पात्रताओं को पूरा करता हो।
  • डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स (SE), पूर्व बर्धमान को निर्देश दिया गया कि वह इस आदेश की प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर सभी संबंधित दस्तावेज भेजें
  • रिट याचिका स्वीकार कर उसे निष्पादित किया गया, बिना किसी लागत के आदेश के साथ

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