सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मानसिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर अपडेट मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया है, जिसमें उसे केंद्रीय मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और पूरे भारत में मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्डों की स्थापना और संचालन संबंधी पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने 7 फरवरी को सुनवाई के दौरान जारी किया।

पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाली अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को 21 मार्च तक एक व्यापक हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। हलफनामे में इन मानसिक स्वास्थ्य निकायों के भीतर वैधानिक और अनिवार्य नियुक्तियों के बारे में विवरण शामिल होने की उम्मीद है।

READ ALSO  दिल्ली में नए आपराधिक कानूनों के तहत दिल्ली कि पहली एफआईआर दर्ज की गई

यह न्यायिक जांच मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। अदालत वर्तमान में अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर एक याचिका की समीक्षा कर रही है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए उचित देखभाल और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रवर्तनीय निर्देश मांगे गए हैं।

Video thumbnail

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मानसिक बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को जंजीरों में जकड़ने की कड़ी निंदा की है और ऐसी प्रथाओं को “अमानवीय” और “अमानवीय” बताया है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की हरकतें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं और प्रभावित लोगों की गरिमा का हनन करती हैं।

READ ALSO  Supreme Court to Address Delhi Pollution Crisis on November 18

बंसल की 2018 की याचिका में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक धर्म-आधारित मानसिक आश्रय में भयावह स्थितियों को उजागर किया गया था, जहाँ कथित तौर पर व्यक्तियों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के स्पष्ट उल्लंघन में जंजीरों में जकड़ा हुआ रखा गया था। इस याचिका ने सुप्रीम कोर्ट को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रशासन में जवाबदेही और सुधार की मांग करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें सभी व्यक्तियों, विशेष रूप से मानसिक रूप से बीमार लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

READ ALSO  नाबालिग के साथ रेप के आरोपी टीवी एक्टर को नही मिली जमानत
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles