5 मार्च को एक महत्वपूर्ण फैसला आने की उम्मीद है, जब दिल्ली कोर्ट कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की कथित चीनी वीजा घोटाले मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने की याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में उन पर और कई अन्य लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोप लगे हैं।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कार्ति के आवेदन के संबंध में विस्तृत दलीलों के बाद इस शनिवार को सुनवाई पूरी की और आदेश सुरक्षित रख लिया। याचिका में संबंधित अधिकारियों से उचित मंजूरी न मिलने के आधार पर कार्यवाही जारी रखने को चुनौती दी गई है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक पूर्व एफआईआर से संकेत लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शुरू किया था। आरोपों में 2011 में कार्ति के पिता पी चिदंबरम के गृह मंत्री के कार्यकाल के दौरान 263 चीनी नागरिकों को अनुचित तरीके से वीजा जारी करना शामिल है।
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