ओडिशा उच्च न्यायिक सेवा परीक्षा के नतीजे चौंकाने वाले रहे, क्योंकि इस वर्ष कोई भी उम्मीदवार लिखित परीक्षा में सफल नहीं हो पाया। इसके चलते राज्य भर में ज़िला न्यायाधीश के 45 पद खाली रह गए हैं। यह परीक्षा 5 जनवरी 2025 को आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य न्यायपालिका के भीतर से योग्य न्यायाधीशों और वकीलों की भर्ती करना था, लेकिन कोई भी उम्मीदवार इसमें सफल नहीं हो सका।
ओडिशा हाईकोर्ट ने 17 फरवरी को जारी दो अधिसूचनाओं में बताया कि 83 न्यायिक अधिकारियों में से कोई भी इस परीक्षा को पास नहीं कर सका। ये अधिकारी वर्तमान में वरिष्ठ सिविल जज, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जैसे पदों पर कार्यरत हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनियुक्ति पर तैनात एक अतिरिक्त रजिस्ट्रार, जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे, वे भी इसे पास नहीं कर पाए।
इसी तरह, वकीलों के लिए आयोजित परीक्षा के नतीजे भी निराशाजनक रहे। ज़िला न्यायाधीश के 31 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में कुल 283 वकील शामिल हुए थे, लेकिन कोई भी उम्मीदवार क्वालीफाई नहीं कर सका। खास बात यह रही कि परीक्षा के दिन कई उम्मीदवार अनुपस्थित रहे।
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यह नतीजा न्यायपालिका के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि ओडिशा में लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 31 जनवरी 2025 तक राज्य के ज़िला न्यायालयों में 19.3 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। वहीं, ओडिशा में न्यायिक अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 1,041 है, जबकि मौजूदा समय में केवल 840 न्यायिक अधिकारी कार्यरत हैं।