पेरिंथलमन्ना पुलिस ने केरल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस सी.एन. रामचंद्रन नायर को सीएसआर फंड घोटाले में तीसरे आरोपी के रूप में नामित किया है। यह मामला अंगडिप्पुरम स्थित किसान सेवा सोसायटी के अध्यक्ष डैनिमोन द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से सामने आया, जिसमें धोखाधड़ी और सामाजिक कल्याण के लिए आवंटित धन के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए हैं।
जस्टिस नायर के अलावा, इस मामले में दो अन्य व्यक्तियों—के.एन. आनंद कुमार और अनंथु कृष्णन—को भी आरोपी बनाया गया है, जो नेशनल एनजीओ कन्फेडरेशन से जुड़े हैं। आनंद कुमार को संगठन का अध्यक्ष और अनंथु कृष्णन को राज्य सचिव बताया गया है। पुलिस के अनुसार, नायर को शिकायतकर्ता द्वारा “संरक्षक” बताया गया, हालांकि उन्होंने इस दावे का खंडन किया है।
यह मामला भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) और 3(5) के तहत दर्ज किया गया है। आरोपों के अनुसार, इस संगठन ने किसान सेवा सोसायटी को धोखा दिया, जो कि एक योजना को लागू करने वाली एजेंसी थी। इस योजना के तहत लोगों को दोपहिया वाहन, लैपटॉप और सिलाई मशीनें 50% छूट पर देने का प्रावधान था। शिकायत के मुताबिक, अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 के बीच इस योजना के अंतर्गत सोसायटी और इसमें भाग लेने वाले लोगों से लगभग 34 लाख रुपये की ठगी की गई।
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आरोपों का जवाब देते हुए जस्टिस नायर ने पुलिस की कार्रवाई को गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा, “मुझे बिना किसी प्रारंभिक जांच के इस मामले में आरोपी बना दिया गया है। पुलिस ने मुझसे यह प्रमाण मांगने की भी जरूरत नहीं समझी कि मैं इस संगठन का संरक्षक था या नहीं। मेरा मानना है कि किसी ने शिकायत दर्ज कराई होगी कि मैं इस संगठन से जुड़ा था और पुलिस ने बिना सत्यापन किए एफआईआर दर्ज कर दी।”
हालांकि, नायर ने यह स्वीकार किया कि वह पहले इस संगठन में सलाहकार की भूमिका में थे, लेकिन उन्होंने जुलाई 2024 में इस पद से इस्तीफा दे दिया था।