कर्नाटक हाईकोर्ट आज वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा से जुड़े दो अलग-अलग लेकिन महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाएगा।
पहले मामले में, न्यायालय आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाएगा, जिसमें विवादास्पद साइट आवंटन मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की गई है। यह मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा अपनी पत्नी पार्वती बी.एम. को 14 भूखंडों के आवंटन के संबंध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ आरोपों से संबंधित है। याचिका में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है और पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सीबीआई द्वारा गहन जांच की मांग की गई है।
दूसरा मामला वरिष्ठ भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा अपने खिलाफ़ एक आपराधिक मामले को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप शामिल हैं। ये आरोप एक 17 वर्षीय लड़की की माँ की शिकायत के बाद लगाए गए थे, जिसने पिछले साल 2 फरवरी को डॉलर्स कॉलोनी में अपने आवास पर एक बैठक के दौरान येदियुरप्पा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।