दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) द्वारा दायर मुकदमे के बाद ओपनएआई को समन जारी किया, जिसमें तकनीकी फर्म पर अपने एआई चैटबॉट चैटजीपीटी को प्रशिक्षित करने और संचालित करने के लिए बिना अनुमति के अपनी कॉपीराइट सामग्री का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। न्यायमूर्ति अमित बंसल ने इस मुद्दे को कम करने के लिए एएनआई की वेबसाइट को ब्लॉक करने के ओपनएआई के जवाब पर प्रकाश डाला, लेकिन एएनआई का तर्क है कि ऐसे उपाय अपर्याप्त हैं।
यह मामला एआई प्रौद्योगिकियों द्वारा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा के उपयोग से जुड़ी महत्वपूर्ण कॉपीराइट चिंताओं को रेखांकित करता है। एएनआई का आरोप है कि ओपनएआई द्वारा उनकी कॉपीराइट सामग्री का उपयोग चैटजीपीटी की कार्यक्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया गया है, जिसके बारे में उनका दावा है कि इससे गलत जानकारी का प्रसार भी होता है।
एएनआई के अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने विस्तार से बताया कि कैसे चैटजीपीटी कथित रूप से डेटा को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है, जिसमें एएनआई को गैर-मौजूद साक्षात्कारों का श्रेय देना शामिल है, जो संभावित रूप से इसकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है। ओपनएआई के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिब्बल ने यह कहते हुए जवाब दिया कि इसी तरह के अंतरराष्ट्रीय मामलों में कानूनी रूप से कोई उल्लंघन स्थापित नहीं हुआ है, और भारत में सामग्री के प्रत्यक्ष पुनरुत्पादन की कमी को देखते हुए एएनआई के दावों के आधार पर सवाल उठाया।