सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में चार न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की सिफारिश की

एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में चार न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की सिफारिश की है। अनुशंसित अधिकारी श्री के वी जयकुमार, श्री मुरली कृष्ण एस, श्री जोबिन सेबेस्टियन और श्री पी वी बालकृष्णन हैं।

यह सिफारिश केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा 30 मई 2024 को अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से किए गए प्रस्ताव के बाद की गई है। इस सिफारिश को केरल के मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों की सहमति प्राप्त हुई है।

कॉलेजियम का निर्णय उम्मीदवारों की साख की गहन जांच पर आधारित है, जिसमें न्याय विभाग और केरल हाईकोर्ट के संचालन से परिचित परामर्शदाता-न्यायाधीशों से प्राप्त इनपुट शामिल हैं। चयनित उम्मीदवारों को अच्छी व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा वाला माना जाता है, और उनकी ईमानदारी के बारे में कोई प्रतिकूल निष्कर्ष नहीं हैं।

उम्मीदवारों का विस्तृत मूल्यांकन:

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1. श्री के वी जयकुमार: दिसंबर 2012 में न्यायिक सेवा में शामिल होने के बाद, श्री जयकुमार वर्तमान में केरल हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार (सतर्कता) के रूप में कार्यरत हैं। एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, अधिकांश परामर्शदाता-न्यायाधीशों ने उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त पाया। न्याय विभाग ने भी उनकी ईमानदारी और प्रतिष्ठा की पुष्टि की।

2. श्री मुरली कृष्णा एस: मार्च 2014 में न्यायिक सेवा में शामिल होने के बाद, श्री मुरली कृष्णा ने राज्य भर में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। नियुक्ति के लिए उनकी उपयुक्तता की पुष्टि तीन परामर्शदाता-न्यायाधीशों में से दो ने की, उनके खिलाफ कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं की।

3. श्री जोबिन सेबेस्टियन: वर्तमान में अप्रैल 2024 से रजिस्ट्रार (जिला न्यायपालिका), श्री सेबेस्टियन मार्च 2014 से न्यायिक सेवा में सेवारत हैं। एक ठोस पेशेवर छवि होने के अलावा, वह एक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं, जो उनकी योग्यता में इजाफा करता है।

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4. श्री पी वी बालकृष्णन: मार्च 2014 से न्यायिक अधिकारी के रूप में कार्यरत श्री बालकृष्णन को भी उनके पेशेवर प्रदर्शन और ईमानदारी के आधार पर इस पद के लिए उपयुक्त माना गया है।

कॉलेजियम ने संकल्प लिया है कि चार अनुशंसित अधिकारी श्री पी कृष्ण कुमार से नीचे रैंक के होंगे, जिनकी पदोन्नति पहले प्रस्तावित थी, लेकिन सरकार की मंजूरी के लिए लंबित है।

यह सिफारिश केरल की न्यायपालिका को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, जो यह सुनिश्चित करती है कि हाईकोर्ट में अच्छी तरह से योग्य अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

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