मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उन्होंने आबकारी नीति मामले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनकी हाल ही में की गई गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड आदेश को चुनौती दी।
यह कानूनी कदम शनिवार को दिल्ली की एक अदालत द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में रखने के फैसले के बाद उठाया गया है। सीबीआई ने तीन दिन की हिरासत में पूछताछ पूरी करने के बाद केजरीवाल को अदालत में पेश किया था। जांच एजेंसी ने 14 दिन की जेल अवधि के लिए तर्क दिया, जिसमें कहा गया कि “जांच और न्याय के हित में” उनकी निरंतर हिरासत आवश्यक थी।
कार्यवाही की अध्यक्षता कर रही विशेष न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने सीबीआई की याचिका को मंजूरी देते हुए कहा कि केजरीवाल को 12 जुलाई को फिर से अदालत में पेश होना होगा।
केजरीवाल की कानूनी मुश्किलें 21 मार्च को शुरू हुईं, जब उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब बंद हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। हालाँकि एक ट्रायल कोर्ट ने शुरू में उन्हें ज़मानत दे दी थी, लेकिन बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने इस फ़ैसले पर रोक लगा दी थी।