मद्रास हाईकोर्ट ने कोयंबटूर साइबर अपराध पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में यूट्यूबर जी. फेलिक्स गेराल्ड द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
पुलिस के अनुसार, फेलिक्स गेराल्ड ने रेडपिक्स यूट्यूब चैनल के लिए ‘सवक्कू’ शंकर नाम के एक अन्य यूट्यूबर का साक्षात्कार लिया था, जिसके दौरान शंकर ने कथित तौर पर महिला पुलिस कर्मियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आर. शक्तिवेल ने गुरुवार को गेराल्ड द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जब अतिरिक्त लोक अभियोजक आर. मुनियप्पाराज ने अदालत को सूचित किया कि गेराल्ड को तिरुचि पुलिस ने 10 मई को नोएडा में उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया था।
उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि कोयंबटूर साइबर क्राइम यूनिट ने 15 मई को औपचारिक गिरफ्तारी की थी, जब गेराल्ड जेल में था।
मुनियप्पाराज ने यूट्यूबर की औपचारिक गिरफ्तारी पर जेल अधीक्षक द्वारा पारित आदेशों के दस्तावेज भी पेश किए। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने गेराल्ड द्वारा गिरफ्तारी से पहले दायर की गई जमानत याचिका को निरर्थक बताते हुए खारिज कर दिया।
याद दिला दें, अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगने के बाद मद्रास हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के. कुमारेश बाबू की अवकाश पीठ ने अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 9 मई को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी थी।
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न्यायमूर्ति बाबू ने मामले को स्थगित करते हुए मौखिक रूप से कहा था कि कुछ YouTubeर्स समाज के लिए एक “खतरा” थे जो आपत्तिजनक टिप्पणियों का प्रसार करके शालीनता के बजाय ग्राहक वृद्धि को प्राथमिकता दे रहे थे।
अदालत ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार ऐसी “हानिकारक” गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए हस्तक्षेप करे।