सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आप सरकार की उस याचिका पर दिल्ली के उपराज्यपाल कार्यालय और अन्य से जवाब मांगा, जिसमें दुर्घटना पीड़ितों को मुफ्त इलाज प्रदान करने वाली उसकी ‘फरिश्ते दिल्ली के’ योजना के लिए धन जारी करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिका पर जवाब मांगते हुए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और अन्य को नोटिस जारी किया।
पीठ ने कहा, “हम यह नहीं समझते कि सरकार का यह एक धड़ा सरकार के दूसरे धड़े से लड़ रहा है। नोटिस जारी करें।”
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि इस योजना के तहत 23,000 सड़क दुर्घटनाओं को कवर किया गया है।
सिंघवी ने कहा, “मैं लिखता रहता हूं और भीख मांगता रहता हूं। वे भुगतान रोक देते हैं। एलजी के अधीन स्वास्थ्य कैसा है? यह पूरी तरह से सामाजिक कल्याण है और इसमें कोई राजनीति शामिल नहीं है।”
‘फ़रिश्ते दिल्ली के’ योजना लोगों को सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हुए लोगों को बचाने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके तहत, सरकार उन लोगों के अस्पताल के बिल का भुगतान करती है जो शहर में दुर्घटनाओं का शिकार हुए हैं।