दलित महिला से दुष्कर्म में चार को आजीवन कारावास

अदालत ने 2020 में एक दलित महिला से बलात्कार के आरोप में शनिवार को चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

पुलिस अधीक्षक मीनाक्षी कात्यायन ने बताया, ”अपर सत्र न्यायाधीश असद अहमद हाशमी की अदालत ने विवाहित दलित महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में धनंजय शुक्ला, अजय शुक्ला, विकास शुक्ला और सोनू उपाध्याय को दोषी करार दिया.”

अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 55,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और निर्देश दिया कि आधी राशि महिला को दी जाए।

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दोषियों की उम्र करीब 30 साल के आसपास है। वे पीड़िता के पति के दोस्त थे। घटना अक्टूबर 2020 में रायपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी महिला को फुसलाकर एक सुनसान जगह पर ले गए, जहां उन्होंने बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया और मौके से भाग गए। बाद में महिला ने अपने पति को घटना के बारे में बताया जिसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की। जांच के बाद चारों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।

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